अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और आपके सिलेबस में विश्व का भूगोल विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है जिसमें हमने सौरमंडल एवं पृथ्वी की आंतरिक संरचना से संबंधित क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवाए हैं हमने ऐसे नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश की है जो सबसे शॉर्ट है और आपको आसानी से याद हो सके |

विश्व का भूगोल अगर आप ऐसे ही टॉपिक अनुसार पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले कंटेंट को जरूर पढ़ें ताकि आपको आगामी परीक्षा में सहायता मिल सके |

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

सौरमंडल एवं पृथ्वी की आंतरिक संरचना

सौरमण्डल

● सूर्य एवं उसके चारों ओर भ्रमण करने वाले ग्रह, उपग्रह, धूमकेतु, उल्काएँ एवं क्षुद्रग्रह संयुक्त रूप से ‘सौरमण्डल’ कहलाता है।

  • सूर्य जो कि सौरमण्डल का जन्मदाता है यह एक तारा है जो ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करता है।
  • सूर्य की उम्र – 5 बिलियन वर्ष है।
  • भविष्य में सूर्य द्वारा ऊर्जा देते रहने का समय 101 वर्ष है।
  • सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट 16.6 सेकण्ड का समय लगता है।
  • सौर ज्वाला को उत्तरी ध्रुव पर औरोरा बोरियालिस और दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा ऑस्ट्रेलिस कहते हैं।
  • सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हजार किमी. है, जो पृथ्वी के व्यास का लभभग 110 गुना है।
  • सूर्य हमारी पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है और पृथ्वी को सूर्यताप का लगभग 2 अरबवाँ भाग मिलता है।
  • सौरमण्डल निकाय के द्रव्यमान का 99.999 प्रतिशत द्रव्यमान सूर्य में निहित है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

  • प्रकाश मण्डल (Photosphere) – सूर्य का वह भाग जो हमे आँखों से दिखाई देता है।
  • सौर कलंक- सूर्य की सतह पर स्थित काले धब्बे ।
  • सूर्य किरीट (Corona) – सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के दिखाई देने वाले भाग को सूर्य किरीट कहते हैं।
  • क्रोड- सूर्य का आंतरिक भाग जहाँ नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया होती है।
    नोट:- मध्यरात्रि सूर्य- सूर्य का उत्तरी ध्रुवीय वृत्त में देर तक चमकना । मध्यरात्रि का सूर्य आर्कटिक क्षेत्र में दिखाई देता है।
  • तारों की परिक्रमा करने वाले प्रकाश रहित आकाशीय पिण्ड को “ग्रह” कहते हैं।
  • ये सूर्य से ही निकले हुए पिण्ड है तथा सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
  • सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा पश्चिम से पूर्व दिशा में करते हैं, परन्तु ‘शुक्र’ व ‘अरुण’ इसके अपवाद है जो पूर्व से पश्चिम दिशा में परिक्रमण करते हैं।
  • सौरमण्डल का सबसे बड़ा ग्रह ‘बृहस्पति’ और सबसे छोटा ग्रह ‘बुध’ है।
  • आन्तरिक ग्रह (Inner planet) : बुध, शुक्र, पृथ्वी एवं मंगल को आंतरिक ग्रह कहा जाता है।
  • बाह्य ग्रह (Outer Planet) : बृहस्पति, शनि, अरुण व वरुण को बाह्य ग्रह कहा जाता है।
    नोट:- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति एवं शनि, इन पाँच ग्रहों को नंगी आँखों से देखा जा सकता है।
  • यह सूर्य के सबसे निकटतम सौरमण्डल का सबसे छोटा व सबसे हल्का ग्रह है।
  • यहाँ दिन अति गर्म व रातें बर्फीली होती हैं। बुध सभी ग्रहों में सबसे अधिक तापांतर वाला ग्रह है। इसका तापमान रात में 0°C से नीचे व दिन में 400°C से ऊपर हो जाता है।
  • बुध ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।
  • बुध 88 दिनों में सूर्य की परिक्रमा पूर्ण कर लेता है।
  • यह ग्रह परिमाण में पृथ्वी का 1/18 वाँ भाग है।
  • बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिन के बराबर होता है।
  • बुध के समान इसका भी कोई उपग्रह नहीं है।
  • शुक्र सूर्य की एक परिक्रमा 225 दिनों (कई स्रोतों में 255 दिन) में पूरी करता है।
  • यह पृथ्वी के सर्वाधिक निकटतम, सबसे चमकीला एवं सबसे गर्म ग्रह है।
  • इसे ‘साँझ का तारा’ तथा ‘भोर का तारा’ भी कहते हैं।
  • यह ग्रहों की सामान्य दिशा के विपरीत सूर्य की पूर्व से पश्चिम दिशा में परिक्रमण करता है।
  • पृथ्वी सूर्य के पश्चिम से पूर्व की ओर परिभ्रमण करती है।
  • पृथ्वी आकार में पाँचवाँ सबसे बड़ा ग्रह है। पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा, जो कक्षा-तल पर बने लंब से 23 1/2° झुकी हुई है। वही पृथ्वी की कक्षा तल से 66 1/2° का कोण बनाती है। पृथ्वी का भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किमी. और ध्रुवीय व्यास 12,714 किमी. है।
  • पृथ्वी की सूर्य से औसत दूरी लगभग 15 करोड़ कि.मी. है।
  • पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है। इसका घनत्व सभी ग्रहों में सबसे अधिक है।
  • यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकण्ड में पूरा चक्कर लगाती है।
  • पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकण्ड में पूरी करती है।
  • पृथ्वी को जल की उपस्थिति के कारण नीला ग्रह भी कहा जाता है।
  • पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।
  • गोल्डी लॉक्स जॉन-वे क्षेत्र जहाँ जीवन के लिए स्थितियाँ अनुकूल हो।

नोट:- पृथ्वी की आयु लगभग 4.6 अरब वर्ष है और इस पर जीवन लगभग 3 अरब, 80 करोड़ वर्ष पहले आरंभ हुआ था।

Join Whatsapp GroupClick Here
Join TelegramClick Here

निरंतर विश्व का भूगोल : सौरमंडल एवं पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स ऐसे ही नोट्स के साथ अपनी तैयारी जारी रखने के लिए हमारी वेबसाइट UPSC NOTES पर विजिट करते रहे यहां आपको प्रत्येक विषय के नोट्स ऐसे ही टॉपिक अनुसार निशुल्क पढ़ने के लिए मिलेंगे जिसे आप घर बैठे बहुत अच्छे से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं