आज की इस पोस्ट में हम इतिहास का एक महत्वपूर्ण टॉपिक भारत में राष्ट्रीय आंदोलन की पृष्ठभूमि से संबंधित नोट्स लेकर आए हैं आपने बहुत बार राष्ट्रीय आंदोलन से संबंधित परीक्षा में प्रश्न जरूर देखे होंगे लेकिन हम आपको ऐसे शार्ट नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं जो शायद आपने कभी नहीं पढ़े होंगे

इन नोट्स को आप आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूर पढ़ें एवं इसे बनने वाले प्रश्न एवं उत्तर के साथ प्रैक्टिस करें ताकि यह टॉपिक आपको अच्छे से क्लियर हो सके |

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

भारत में राष्ट्रीय आंदोलन

• सन् 1917 में गाँधीजी ने चंपारन आंदोलन का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। इस आंदोलन के माध्यम से वे किसानों की सुरक्षा  उनकी पसंद की फसल लेने की आजादी के पक्षधर थे।

• सन् 1918 में उन्होंने अहमदाबाद में कपड़ा मिल के श्रमिकों के लिए बेहतर काम करने की स्थिति और अन्य किसान आंदोलन के लिए राज्य में खेड़ा में करों में छूट देने को कहा।

• प्रथम विश्वयुद्ध (1914-18)  के दौरानब्रिटिश सरकार ने सेंसरशिप की स्थापना की 

• गाँधीजी ने ‘रॉलेट एक्ट’  भारत बंद के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने का आह्वान किया। पंजाब में विद्रोह काफी तीव्र थापंजाब जाते समय गाँधीजी को हिरासत में लिया गया  कई अन्य स्थानीय कांग्रेस नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया था।

• अप्रैल, 1919 मेंइस दमनकारी नीति ने बहुत ही जबरदस्त मोड़ लिया  ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर ने अपने सैनिकों को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में शांतिपूर्ण सभा पर गोलीबारी करने का आदेश दे दियाजिसमें घटना स्थल करीब 400 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई। इससे राष्ट्र को गहरा आघात पहुँचा।

खिलाफत व असहयोग आंदोलन

• साथी भारतीयों के मध्य आंदोलन को और सशक्त  मजबूत करने के उद्देश्य से उन्होंने खिलाफत आंदोलन में योगदान दिया।

• खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व मोहम्मद अली  शौकत अली ने किया था  उन्होंने खिलाफत के सम्मान को बहाल करने की माँग की थी। असहयोग  खिलाफत आंदोलन में भागीदारी से गाँधीजी के अनुसारदो प्रमुख धार्मिक संप्रदाय हिंदू  मुस्लिम सामूहिक रूप से औपनिवेशिक शासन का अंत कर सकते थे।

• फरवरी, 1922 मेंगाँधीजी ने चौरीचौरा में पुलिस स्टेशनों को जलाने की अप्रिय घटना के कारण असहयोग आंदोलन को बंद कर दियाजिसमें अनेक कांस्टेबल मारे गए।

• असहयोग आंदोलन के दौरानहजारों भारतीयों को जेल में डाल दिया गया। गाँधीजी को मार्च, 1922 में गिरफ्तार करके उन पर राजद्रोह करार आरोप लगाकर उनको छह साल का कारावास दिया गया।

नमक सत्याग्रह

• सन् 1928 में एंटीसाइमन कमीशन आंदोलन हुआजिसमें लाला लाजपत राय पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गयाजिससे उनकी मौत हो गई।

• सन् 1928 में एक और प्रसिद्ध बारदोली सत्याग्रह हुआ। इसी कारण से सन् 1928 तक पुनभारत में राजनीतिक सक्रियता बढ़ने लगी।

• सन् 1929 मेंलाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ  नेहरूजी को इसके अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

दांडी नमक (मार्च)

• 12 मार्च, 1930 को गाँधीजी ने आश्रम से सागर तक मार्च प्रारंभ किया। उन्होंने किनारे पर पहुँच कर उन्होंने स्वयं नमक बनाया  इस तरह कानून की नजर में स्वयं को अपराधी बना।

• इस आंदोलन को व्यापक समर्थन मिला। वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार किया। किसानों ने कर बंद कर दिया  आदिवासियों ने नए कानूनों को तोड़ दिया।

• सरकार ने असंतुष्टों या सत्याग्रहियों को बंद करके जवाब दिया। 60,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया। गाँधीजी सहित कांग्रेस के विभिन्न उच्च नेताओं को गिरफ्तार किया गया।

दांडी मार्च का महत्त्व

• यह महात्मा गाँधी  भारत की छवि को दुनिया के सामने लाया।

• यह प्रथम राष्ट्रीय आंदोलन थाजिसमें महिलाओं की भागीदारी काफी उल्लेखनीय थी। कमलादेवी सहित कई महिलाओं ने नमक का़नून को तोड़ा  गिरफ्तारी दी।

• तीसरा और सबसे महत्त्वपूर्ण यह था कि इस आंदोलन ने अंग्रेजों को यह अनुभव करने के लिए मजबूर किया कि उनका राज सर्वदा नहीं रहेगा  उन्हें भारतीयों को कुछ शक्ति प्रदान करने की आवश्यकता है।

• जनवरी, 1931 में गाँधीजी को जेल से रिहा कर दिया गया।  बाद में गाँधी  इरविन के बीच कई बैठकें हुई  ये बैठकें गाँधी इरविन के समझौते में समाप्त हो गई। इस संधि के तहत सविनय आंदोलन को बंद कर दिया जाएगा  नमक निर्माता तट के समीप नमक बना सकते हैं।

• सन् 1931 के बाद में गाँधीजी ने कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया।

• सन् 1935 में भारत सरकार अधिनियम आया  इसके प्रतिनिधि सरकार के कुछ हिस्से का वादा किया। दो वर्ष के पश्चात् चुनाव हुए  11 प्रांतों में से 8 प्रांतों में कांग्रेस की सरकार बनी।

• सन् 1939 में कांग्रेस ने पद से त्यागपत्र दे दियाक्योंकि युद्ध की समाप्ति के बाद भारत को स्वतंत्रता देने के बदले में युद्ध में सहयोग के उनके प्रस्ताव को ब्रिटिश सरकार ने अस्वीकार कर दिया।

• सन् 1940-41 के बीच कांग्रेस ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए व्यक्तिगत सत्याग्रह का आयोजन किया।

• सन् 1942 में प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल ने कांग्रेस  गाँधीजी के साथ समझौता करने  प्रयास करने हेतु स्टेफर्ड क्रिप्स के तहत एक मिशन भारत भेजा था। हालाँकि कांग्रेस की पेशकश के दौरान वार्ता टूट गई।

भारत छोड़ो आंदोलन

• क्रिप्स मिशन की विफलता के पश्चात् गाँधीजी ने अगस्त, 1942 बंबई से भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया। इसमें सैकड़ों हजार आम नागरिक  युवा अपने कॉलेजों को छोड़कर जेल चले गए।

• जून, 1944 में गाँधीजी को जेल से रिहा कर दिया गया बाद में मतभेदों के निवारण हेतु जिन्ना के साथ बैठक की थी।

• सन् 1945 में इंग्लैण्ड में श्रम सरकार सत्ता में आई  भारत को स्वतंत्र देने हेतु खुद को प्रतिबद्ध किया।

• सन् 1946 में कैबिनेट मिशन आयापरंतु कांग्रेस से वार्ता में विफल रहा। परंतु मुस्लिम लीग से संघीय व्यवस्था पर सहमति बनी जिसने भारत को एकजुट रखा कूद सीमा तक प्रांतों को स्वायत्तता प्रदान की गई।

• वार्ता की असफलता के पश्चात् जिन्ना ने पाकिस्तान के लिए माँग को दबाने के लिए सीधे कारर्वा के दिन का आह्वान किया। 16 अगस्त 1946 कोकलकत्ता में दंगे भड़क उठे  बाद में बंगाल के अन्य क्षेत्रों फिर बिहारसंयुक्त प्रांत  पंजाब तक फैल गयादंगों में दोनों ही समुदायों को नुकसान हुआ।

• फरवरी, 1947 मेंवायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने वेवेल की जगह ली।

• उन्होंने यह घोषणा की कि भारत को मुक्त कर दिया जाएगा।

• इसे विभाजित किया जाएगा। अंत में 15 अगस्त, 1947 को सत्ता भारत को हस्तांतरित हो गई।

Join Whatsapp GroupClick Here
Join TelegramClick Here

उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने भारत में राष्ट्रीय आंदोलनों की पृष्ठभूमि से संबंधित NCERT नोट्स जो आपको उपलब्ध करवाई है वह आपको जरूर अच्छे लगे होंगे अगर आप इसी प्रकार टॉपिक के अनुसार सभी विषयों के नोट्स बिल्कुल फ्री में पढ़ना चाहते हैं तो हमारी इस वेबसाइट पर रोजाना विजिट करते रहे जिस पर हम आपको कुछ ना कुछ नया उपलब्ध करवाते हैं