आज की इस पोस्ट में हम भारतीय संविधान के बारे में बात करने वाले हैं जिसमें हमने भारतीय संविधान का परिचय के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश की है क्योंकि अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको भारतीय संविधान के बारे में सामान्य जानकारी होना बहुत जरूरी है जो आपको हमारी इस पोस्ट के माध्यम से दी जाएगी 

भारत का संविधान : एक परिचय के लिए हमने शॉर्ट एवं आसान भाषा में कुछ जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश की है जिन्हें आपको एक बार जरूर पढ़ना है क्योंकि भारतीय संविधान एक ऐसा टॉपिक है जो सभी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

भारतीय संविधान का परिचय

संविधान लिखित नियमों की ऐसी किताब है जिसे किसी देश में रहने वाले सभी लोग सामूहिक रूप से मानते हैं।

संविधान सर्वोच्च कानून है।

भारतीय संवैधानिक इतिहास

भारतीय इतिहास में 1757 ई. के प्लासी के युद्ध और 1764 ई. के बक्सर के युद्ध के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने समय-समय पर कई अधिनियम लागू किये, जो भारतीय संविधान के विकास की सीढ़ियां बने। जो इस प्रकार हैं-

1773 ई. का रेग्यूलेटिंग एक्ट

• इस एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर को ‘बंगाल का गवर्नर जनरल’ पद नाम दिया गया।

नोट:- बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग्स।

इस एक्ट के तहत कलकता में 1774 ई. में एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई।

इसमें एक मुख्य न्यायाधीश व तीन अन्य न्यायाधीश थे।

नोट:- प्रथम मुख्य न्यायाधीश सर एलिजाह इम्पे थे।

1784 ई. का पिट्स इण्डिया एक्ट

इस एक्ट के तहत द्वैध शासन (दोहरा शासन) का प्रारंभ हुआ-

1. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स – व्यापारिक मामले

2. बोर्ड ऑफ कंट्रोलर – राजनीतिक मामले

1813 ई. का चार्टर एक्ट

  • इस चार्टर द्वारा पहली बार ईसाई मिशनरियों को भारत में धर्म प्रचार की अनुज्ञा दी गई।
  • कम्पनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर सभी ब्रिटिश जनों को व्यापार का अधिकार प्रदान कर दिया गया, किन्तु चीन के साथ व्यापार और चाय के व्यापार के एकाधिकार को बनाये रखा गया।
  • भारतीयों की शिक्षा पर प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये खर्च करने का उपबंध किया गया।
  • स्थानीय स्वायत्तशासी संस्थाओं को करारोपण का अधिकार दिया गया।
  • इस राजलेख द्वारा कलकत्ता, बम्बई और मद्रास सरकारों द्वारा निर्मित विधियों का ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन अनिवार्य कर दिया गया।
  • ब्रिटिश सम्राट की स्वीकृति से कंपनी को गवर्नर जनरल, गवर्नर्स तथा प्रधान सेनापतियों की नियुक्ति का अधिकार दिया गया।

1833 ई. का चार्टर एक्ट

  • बंगाल के गवर्नर जनरल को सम्पूर्ण ‘भारत का गवर्नर जनरल’ बना दिया गया।

नोट:- भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बैंटिक ।

  • इस एक्ट के परिणामस्वरूप ‘प्रथम विधि आयोग’ की स्थापना हुई।

नोट:- प्रथम विधि आयोग के अध्यक्ष- लॉर्ड मैकाले।

1858 ई. का भारत शासन अधिनियम

  • इसके अन्तर्गत भारत का शासन कंपनी से लेकर ब्रिटिश क्राउन के हाथों में सौंपा गया।
  • इस अधिनियम में गवर्नर जनरल का पदनाम बदलकर ‘भारत का वायसराय’ कर दिया गया।

नोट:- भारत का प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग |

1909 का मार्ले-मिण्टो सुधार अधिनियम

  • वायसराय लॉर्ड मिण्टो, भारत सचिव – लॉर्ड मार्ले
  • इस एक्ट द्वारा साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व का आरंभ हुआ।

नोट :- मुसलमानों के लिए पृथक् निर्वाचक मण्डल तथा पृथक् निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रावधान किया गया।

नोट :- मतदाताओं के तीन वर्ग

1. सामान्य मतदाता

2. वर्ग मतदाता (जमींदार व मुसलमान)

3. विशेष मतदाता (विश्वविद्यालय, वाणिज्य)

1919 का भारत शासन अधिनियम (मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार)-

वायसराय – लॉर्ड चेम्सफोर्ड, भारत सचिव – मांटेग्यू

इसके अंतर्गत प्रांतों में ‘द्वैध शासन’ की स्थापना की गई।

नोट :- द्वैध शासन के जनक- लियोनस कार्टियस ।

प्रांतीय शासन के दो भाग

1. संरक्षित विषय- प्रशासन गवर्नर व उसकी कार्यकारिणी परिषद् के द्वारा।

2. हस्तांतरित विषय प्रशासन विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों की सहायता से।

– इस अधिनियम द्वारा ‘नरेंद्र मण्डल’ (9 फरवरी, 1921) की स्थापना दिल्ली में की गई।

नोट: इस एक्ट द्वारा प्रथम बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।

इस अधिनियम द्वारा ‘लोक सेवा आयोग’ का गठन किया गया।

Join Whatsapp GroupClick Here
Join TelegramClick Here

निरंतर भारतीय संविधान का परिचय शॉर्ट नोट्स ऐसे ही नोट्स के साथ अपनी तैयारी जारी रखने के लिए हमारी वेबसाइट UPSC NOTES पर विजिट करते रहे यहां आपको प्रत्येक विषय के नोट्स ऐसे ही टॉपिक अनुसार निशुल्क पढ़ने के लिए मिलेंगे जिसे आप घर बैठे बहुत अच्छे से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं