चन्द्रमा ( Moon ) एवं भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए मिशन से संबंधित क्लासरूम नोट्स

अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और आपके सिलेबस में विश्व का भूगोल विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है जिसमें हमने चन्द्रमा ( Moon ) एवं भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए मिशन से संबंधित क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवाए हैं हमने ऐसे नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश की है जो सबसे शॉर्ट है और आपको आसानी से याद हो सके |

विश्व का भूगोल अगर आप ऐसे ही टॉपिक अनुसार पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले कंटेंट को जरूर पढ़ें ताकि आपको आगामी परीक्षा में सहायता मिल सके |

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चन्द्रमा ( Moon ) एवं भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए मिशन

  • चन्द्रमा की सतह और इसके अंतर्वर्ती भाग का अध्ययन करने वाला विज्ञान सेलेनोलॉजी कहलाता है।
  • चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।
  • यह सौरमण्डल का पाँचवाँ सबसे बड़ा उपग्रह है।
  • चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा 27 दिन 8 घण्टे में पूरी करता है।
  • पृथ्वी से चन्द्रमा का लगभग 57-58% भाग को हम देख सकते हैं।
  • नोट:- चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित लीबनिट्ज पर्वत चन्द्रमा का उच्चतम पर्वत है तथा चन्द्रमा को जीवाश्म ग्रह भी कहा जाता है।
  • चन्द्रमा एवं पृथ्वी के बीच की औसतन दूरी 3,84,400 किमी. है।
  • सुपर मून– जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है तो उस स्थिति को सुपर मून कहते हैं।
  • ब्लू मून – एक कैलेण्डर माह में दो पूर्णिमाएँ हों, तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ब्लू मून कहलाता है।

भारत द्वारा चन्द्रमा पर भेजे गए मिशन


i. चन्द्रयान प्रथम

  • भारत ने 22 अक्टूबर, 2008 को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष
    केन्द्र से भेजा गया था। तथा इसके प्रक्षेपण यान का नाम PSLV-C-11 था।
  • चंद्रयान-1 मिशन का मून इम्पैक्ट प्रोब चांद के दक्षिणी ध्रुव पर टकराया, उस जगह का नाम जवाहर पॉइन्ट रखा गया।
    ii. चन्द्रयान-2 – भारत ने 22 जुलाई, 2019 को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र भेजा गया था। तथा इसके प्रक्षेपण यान का नाम GSLV मार्क-III M-1 था।
    iii. चन्द्रयान-3 – 14 जुलाई, 2023 आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से भेजा गया था तथा इसके प्रक्षेपणयान का नाम LVM3M4 था यह 23 अगस्त, 2023 को 6 बजकर 4 मिनट पर चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला भारत पहला देश बना।
    चंद्रमा पर चंद्रयान-2 द्वारा अपने पदचिन्ह छोड़े उसे तिरंगा पॉइन्ट, वहीं चंद्रयान-3 का लैंडर जहाँ उतरा उसे शिव शक्ति पॉइन्ट कहा गया।
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त को मनाने की घोषणा की।
    लैंडर – विक्रम, रॉवर- प्रज्ञान

D. मंगल [Mars]

  • इसे लाल ग्रह (Red Planet) भी कहा जाता है।
  • यह सूर्य की परिक्रमा 687 दिनों में पूरी करता है।
  • मंगल सौरमण्डल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
  • ‘फोबोस’ और ‘डिमोस’ मंगल ग्रह के दो उपग्रह है।
  • मंगल ग्रह पर सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी पर्वत
  • ‘ओलिपस मेसी’ एवं सौरमंण्डल का सबसे ऊँचा पर्वत ‘निक्स ओलम्पिया स्थित’ है।
  • मंगलयान – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने मंगलयान (Mars Orbit Mission) को 5 नवम्बर, 2013 को श्री हरिकोटा (आन्ध्र प्रदेश) से ध्रुवीय अंतरिक्ष प्रक्षेपणयान PSLV- C-25 से प्रक्षेपित किया गया था।

E. बृहस्पति [Jupiter]

  • यह आकार में सौरमण्डल का सबसे बड़ा ग्रह है।
  • बृहस्पति सूर्य की परिक्रमा 11 वर्ष 11 महीने में पूरी करता है।
  • गैनिमीड – यह बृहस्पति व सौरमण्डल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
  • इसके उपग्रह – आयो, यूरोपा, कैलिस्टो, अलमधिया इत्यादि।

F. शनि [saturn ]

  • यह आकार में सौरमण्डल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • यह सूर्य की परिक्रमा 29 वर्ष 5 महीने में पूरी करता है।
  • इसके चारों ओर वलयों का पाया जाना इसकी प्रमुख विशेषता है।
  • शनि ग्रह का घनत्व सभी ग्रहों एवं जल से भी कम है। यह जल में रखने पर तैरने लगेगा।
  • वर्तमान में सर्वाधिक उपग्रहों (125) वाला ग्रह शनि है।
  • टाइटन -शनि का सबसे बड़ा उपग्रह है। यह आकार में बुध ग्रह के बराबर है।
  • इसके उपग्रह – फोबे, मीमांसा, एनसीलाडु, डीआन, रीया, हाइपेरियन, इपापेटस इत्यादि ।
  • फोबे– यह शनि ग्रह की कक्षा में घूमने की बजाय विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।

G. अरुण [Uranus]

  • इसकी खोज 1781 ई में “विलियम हर्शेल” द्वारा की गई थी।
  • अरुण आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • यह सूर्य की परिक्रमा 84 वर्षों में पूरी करता है।
  • यह शुक्र ग्रह की भाँति सामान्य दिशा के विपरीत पूर्व से पश्चिम दिशा में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करता है।
  • इसके चारों ओर नौ वलयों में पाँच वलयों का नाम गामा (y), अल्फा (a), डेल्टा (A), बीटा (B), एवं इप्सिलॉन है।
  • अक्षीय झुकाव अधिक होने के कारण इसे “लेटा हुआ ग्रह” भी कहते हैं।
  • इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनिया है।

H. वरुण [Neptune]

  • इसकी खोज 1846 ई. में ‘जोहान गाले’ ने की थी।
  • यह सूर्य से सर्वाधिक दूर स्थित ग्रह है।
  • वरुण सौरमण्डल में आकार की दृष्टि से चौथा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • यह सूर्य की परिक्रमा 164 वर्ष में पूरी करता है।
  • इसे सौर मण्डल का सबसे ठण्डा ग्रह कहते हैं।
  • ट्रिटोन’ व ‘मेरीड’ वरुण के दो उपग्रह है।

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विश्व का भूगोल : चन्द्रमा ( Moon ) एवं भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए मिशन ऐसे ही नोट्स के साथ अपनी तैयारी जारी रखने के लिए हमारी वेबसाइट UPSC NOTES पर विजिट करते रहे यहां आपको प्रत्येक विषय के नोट्स ऐसे ही टॉपिक अनुसार निशुल्क पढ़ने के लिए मिलेंगे जिसे आप घर बैठे बहुत अच्छे से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं

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