जब भी आप भौतिक विज्ञान ( Physics ) विषय पढ़ाते हैं तो उसमें आपको प्रकाश से संबंधित एक अध्याय पढ़ने के लिए मिलता है आज की इस पोस्ट में हम इसी से संबंधित क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं प्रकाश क्या है, प्रकाश का परावर्तन एवं नियम के बारे में आप नीचे सरल एवं आसान भाषा में नोट्स पढ़ सकते हैं

हम आपके लिए ऐसे ही शानदार नोट्स बिना किसी शुल्क के हमारी इस वेबसाइट पर लेकर आते हैं ताकि आप घर बैठे बिना किसी कोचिंग के अपनी तैयारी कर सके |

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प्रकाश क्या है

प्रकाश ऊर्जा का वह रूप है, जो हमें वस्तुओं को देखने में मदद करता है। 

प्रकाश एक प्रकार की विकिरण ऊर्जा है, जो अन्य ऊर्जाओं की तरह नजर नहीं आती। अत: हम केवल उन वस्तुओं को ही देख पाते हैं, जिन पर प्रकाश ऊर्जा पड़ती है। 

प्रकाश की प्रकृति के बारे में सर्वप्रथम ‘डेकार्ट’ ने बताया कि ‘प्रकाश छोटी  छोटी द्रव्यमान विहीन कणिकाओं से मिलकर बना होता है’।

डेकार्ट के बाद ‘न्यूटन’ ने भी प्रकाश को द्रव्यमान विहीन कणिकाओं से मिलकर बना माना तथा इसे सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे ‘प्रकाश का कणिका सिद्धांत (Particle theory ** light)’ कहा गया।

यंग तथा हाइगेन्स जैसे वैज्ञानिकों ने माना कि प्रकाश तरंगों के रूप में पाया जाता है, इसे प्रकाश का तरंग सिद्धांत (**** ****** of light) कहा गया। 

वैज्ञानिक डी  ब्रोगली ने प्रकाश के द्वैत सिद्धान्त को प्रस्तावित किया जिसके अनुसार प्रकाश कण व तरंग दोनों प्रकार व्यवहार करता है। वर्तमान में प्रकाश के इस कण  तरंग द्वैतवाद को क्वांटम यांत्रिकी में तरंग  पैकेट (****  packet) द्वारा निरूपित किया जाता है।

प्रकाश का तरंग के रूप में व्यवहारप्रकाश का कण के रूप में व्यवहार
(1)परावर्तन (1)प्रकाश विद्युत प्रभाव 
(2)अपवर्तन(2)कॉम्पटन प्रभाव 
(3)ध्रुवण (3)छाया का बनना। 
(4)व्यतिकरण 
(5)विवर्तन 

प्रकाश तरंगों के गुण 

प्रकाश की चाल निर्वात में सर्वाधिक 3×108 m/s होती है।

विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भी अलग  अलग होती है। जिस माध्यम में प्रकाश की चाल अधिक हो, विरल माध्यम कहलाता है जबकि जिस माध्यम में प्रकाश की चाल कम हो, सघन माध्यम कहलाता है। 

प्रकाश की चाल माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करती है। 

जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक हो उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही कम होती है। 

प्रकाश सीधी रेखा में ही गति करता है, जब तक की उसके मार्ग में कोई अवरोधक न आए। 

दृश्य श्वेत प्रकाश किरण 7 घटक रंगों से मिलकर बनी होती है। [VIBGYOR]

किसी वस्तु को देखने के लिए 2 शर्तें पूरी होना आवश्यक है – 

 (i) प्रकाश की उपस्थिति 

 (ii) प्रकाश तरंगों का वस्तु से टकराकर हमारी आँखों तक पहुँचना। 

प्रकाश का परावर्तन 

जब कोई प्रकाश किरण किसी माध्यम में गति करते हुए अपारदर्शक अवरोध (परावर्तक पृष्ठ) से टकराती है तो टकराने के बाद वह प्रकाश किरण उसी माध्यम में लौट जाती है, इसे प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। 

माध्यम में परिवर्तन न होने से परावर्तन के बाद प्रकाश की चाल अपरिवर्तित रहती है। 

Note : समतल दर्पण प्रकाश का सबसे अच्छा परावर्तक होता है। 

प्रकाश का परावर्तन दो नियमों पर आधारित होता है

(i)  आपतित प्रकाश किरण, अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण (∠r) तीनों एक ही तल में पाए जाते हैं।

(ii)  आपतन कोण (∠i) एवं परावर्तन कोण (∠r) का मान सदैव बराबर होता है।   

  i = r

नोट : परावर्तित किरण की आवृत्ति एवं चाल अपरिवर्तित रहती है।

प्रकाश के परावर्तन के प्रकार (**** of ********** of light) – 

प्रकाश का परावर्तन दो प्रकार का होता है   

 (1) नियमित परावर्तन  (2) विसरित परावर्तन 

(1)  नियमित परावर्तन (******* Reflection)  

समतल परावर्तक पृष्ठ से परावर्तन के बाद परावर्तित प्रकाश किरणें समान दिशा में ही गति करती है। 

परावर्तित प्रकाश किरणें समान दिशा में ही गति करती हैं। 

परावर्तित प्रकाश किरणों की तीव्रता में कमी नहीं आती है।  

(2)  विसरित परावर्तन (******** Reflection)   

खुरदरी पृष्ठ से परावर्तन के बाद परावर्तित प्रकाश किरणें अलग  अलग दिशाओं में विसरित अथवा फैल जाती हैं। 

परावर्तित प्रकाश किरणों की तीव्रता में कमी नहीं आती है।  

Note : सामान्यत: काँच अथवा पारदर्शी पदार्थ के पीछे वाले भाग पर परावर्तक आवरण (चाँदी) की परत लगाकर उन्हें दर्पण या परावर्तक पृष्ठ की तरह उपयोग में लिया जाता है।

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उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने प्रकाश क्या है, प्रकाश का परावर्तन एवं नियम से संबंधित NCERT नोट्स जो आपको उपलब्ध करवाई है वह आपको जरूर अच्छे लगे होंगे अगर आप इसी प्रकार टॉपिक के अनुसार सभी विषयों के नोट्स बिल्कुल फ्री में पढ़ना चाहते हैं तो हमारी इस वेबसाइट पर रोजाना विजिट करते रहे जिस पर हम आपको कुछ ना कुछ नया उपलब्ध करवाते हैं