अगर आप राजस्थान की अर्थव्यवस्था विषय को पढ़ रहे हैं तो आपको उसमें राजस्थान के प्रमुख कृषि जलवायु प्रदेश के बारे में पढ़ने के लिए मिलता है अगर आप इस टॉपिक को बिल्कुल सरल एवं आसान भाषा में याद करना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को जरूर पढ़ें जिसमें आपको कृषि जलवायु प्रदेश से संबंधित क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवाए गए हैं
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राजस्थान के प्रमुख कृषि जलवायु प्रदेश
शुष्क पश्चिमी मैदान क्षेत्र (I-A)
इस कृषि जलवायु प्रदेश में पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर व बाड़मेर जिले आते हैं। इस क्षेत्र में औसत वर्षा 200 से 370 मिमी. होती है।
यहाँ तापमान ज्यादा से ज्यादा 40° व न्यूनतम 8° रहता है।
इस भू-भाग में मरुस्थलीय एवं बालुका स्तूप प्रकार की मिट्टी पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ – बाजरा, मोठ, तिल
रबी-गेहूँ, सरसों एवं जीरा।
इसका कृषि अनुसंधान केन्द्र मण्डोर (जोधपुर) में है।
सिंचित उत्तरी-पश्चिमी मैदान (I-B)
इस कृषि जलवायु प्रदेश में उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले आते हैं।
इस क्षेत्र में औसत वर्षा 100 से 350 मि.मी. होती है।
यहाँ तापमान ज्यादा से ज्यादा 42° व न्यूनतम 4.7° रहता है।
यहाँ पर जलोढ़ एवं लवणीयता से युक्त मिट्टी मिलती है।
प्रमुख फसलें –
रबी – गेहूँ, सरसों, चना
खरीफ – कपास एवं ग्वार
इसका कृषि अनुसंधान केन्द्र, श्रीगंगानगर में है।
इस कृषि जलवायु प्रदेश के कुछ भागों में सेम (जल प्लावन) समस्या होती है।
अति शुष्क एवं आंशिक सिंचित प्रदेश (I-C)
जैसलमेर, बीकानेर एवं चूरू जिले इस कृषि जलवायु प्रदेश के क्षेत्र में आते हैं। यह राजस्थान का सबसे बड़ा कृषि जलवायु प्रदेश है।
इस क्षेत्र में वर्षा 100 से 350 मि.मी. होती है।
इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा तापमान 48° व कम से कम 3° रहता है।
इस भू-भाग में मरुस्थलीय मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ – बाजरा, मोठ एवं ग्वार
रबी-गेहूँ, सरसों, चना।
इस कृषि जलवायु प्रदेश का कृषि अनुसंधान केन्द्र बीछवाल (बीकानेर) में है।
4. आंतरिक जल निकासी शुष्क प्रदेश (II-A)
इस जलवायु प्रदेश में नागौर, सीकर, झुंझुनूँ व चूरू का भाग आता है।
इस भू-भाग में 300 से 500 मि.मी. वर्षा होती है।
यहाँ पर कम से कम 5.3° व ज्यादा से ज्यादा 39.7° तापमान रहता है।
इस क्षेत्र में रेतीली चूना युक्त एवं उथली लाल मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
रबी – सरसों एवं चना
खरीफ – बाजरा, ग्वार एवं दलहन
इसका कृषि अनुसंधान केन्द्र फतेहपुर (सीकर) में है।
5. लूणी बेसिन का संक्रांति मैदान (II-B)
इस कृषि जलवायु प्रदेश में पाली, जालोर, सिरोही व जोधपुर का भाग आता है। इस क्षेत्र में वर्षा 300 से 500 मि.मी. होती है।
यहाँ कम से कम 4.9° व ज्यादा से ज्यादा 38° तापमान रहता है।
इस भू-भाग में लाल मरुस्थलीय मृदा, चिरोजम मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ–बाजरा, ग्वार एवं तिल
रबी – गेहूँ, सरसों
इसका कृषि अनुसंधान केन्द्र, केशवाना (जालोर) में है।
6. अर्द्धशुष्क पूर्वी मैदान (III-A)
इस क्षेत्र में जयपुर, अजमेर, टोंक व दौसा जिले आते हैं।
यहाँ पर वर्षा 500 से 700 मि.मी. होती है।
यहाँ पर कम से कम 8.3° व ज्यादा से ज्यादा 40.6° तापमान रहता है।
इस क्षेत्र के पूर्वी भाग में चिरोजम तथा पश्चिमी-उत्तरी भाग में चूना युक्त मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ – बाजरा, ग्वार एवं ज्वार
रबी – गेहूँ, सरसों, चना
इसका कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा (जयपुर) में है।
7. बाढ़ प्रभावित पूर्वी मैदान (III-B)
अलवर, धौलपुर, भरतपुर, करौली व सवाई माधोपुर जिले इस क्षेत्र में आते हैं।
इस क्षेत्र में 500 से 700 मि.मी. वर्षा होती है।
यहाँ का तापमान ज्यादा से ज्यादा 40° व कम से कम 8.2° रहता है।
इस भू-भाग में जलोढ़ मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ – बाजरा, ग्वार एवं मूँगफली
रबी – गेहूँ, जौ, सरसों, चना
इसका कृषि अनुसंधान केन्द्र, नवगाँव (अलवर) में है।
8. उप-आर्द्र दक्षिणी मैदान (IV-A)
इस कृषि जलवायु प्रदेश में भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, उदयपुर एवं सिरोही जिले का भाग आता है।
इस क्षेत्र में वर्षा 500 से 900 मि.मी. होती है।
यहाँ पर तापमान ज्यादा से ज्यादा 38.6° व कम से कम 8.1° रहता है।
इस भू-भाग में जलोढ़ एवं पर्वतीय मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ – मक्का, दलहन एवं ज्वार
रबी – गेहूँ एवं चना
इस क्षेत्र का कृषि अनुसंधान केन्द्र, उदयपुर में है।
9. आर्द्र दक्षिणी मैदान (IV-B)
इस कृषि जलवायु प्रदेश में डूँगरपुर, बाँसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ एवं उदयपुर जिले का भाग आता है।
यह राजस्थान का सबसे छोटा कृषि जलवायु प्रदेश है।
इस भू-भाग में 500 से 1100 मि.मी. वर्षा होती है।
यहाँ पर तापमान, ज्यादा से ज्यादा 39° व कम से कम 7.2° रहता है।
इस क्षेत्र में लाल मृदा, पर्वतीय ढालों पर लाल मृदा तथा उथली मृदा घाटियों में पाई जाती है।
प्रमुख फसलें –
खरीफ – मक्का, चावल, ज्वार एवं उड़द
रबी – गेहूँ एवं चना
10.आर्द्र दक्षिणी–पूर्वी मैदान (V)
इस क्षेत्र में कोटा, झालावाड़, बूँदी, बाराँ एवं सवाई माधोपुर जिले का भाग आता है।
इस भू-भाग में वर्षा 650 से 1000 मि.मी. होती है। इस क्षेत्र में तापमान ज्यादा से ज्यादा 42.6° व कम से कम 10.6° रहता है।
इस भू-भाग में काली जलोढ़ एवं चिकनी मृदा पाई जाती है।
प्रमुख फसलें
खरीफ – ज्वार एवं सोयाबीन
रबी – गेहूँ, सरसों
इस क्षेत्र का कृषि अनुसंधान केन्द्र, उम्मेदगंज (कोटा) में है।
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