उत्तर प्रदेश की वन संपदा तथा वन्य जीव

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उत्तर प्रदेश की वन संपदा तथा वन्य जीव

– उत्तर प्रदेश की सामाजिक तथा आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है कि उपलब्ध संसाधनों का वैज्ञानिक प्रबन्धन कुशलतम रूप से किया जाए।

– उत्तर प्रदेश में वनों के बेहतर ढंग से रख रखाव तथा उनके विकास के लिए वर्ष 1855 में ‘वन विभाग’ की स्थापना की गई।

– उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा घोषित वन नीति के अनुसार प्रदेश के समस्त क्षेत्रफल के 33.33% भाग का वनो से आच्छादित होना अनिवार्य है।

– वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सम्पूर्ण क्षेत्रफल के 6.14% भाग पर वनों तथा 3.04% भाग पर वृक्ष उपस्थित हैं अर्थात् कुल क्षेत्रफल के 9.18% भाग पर वन तथा वृक्षों का बाहुल्य है।

– प्रदेश में पाए जाने वाले वृक्षों एवं वनों को विशेषताओं एवं विविधताओं के आधार पर तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है।

(i) उष्ण कटिबंधीय नम पर्णपाती वन

– प्रदेश में इस प्रकार के वनों का बाहुल्य भाँभर तथा तराई क्षेत्रों में है जहाँ वर्षा 100-150 सेमी. तक आसानी से प्राप्त हो जाती है।

– सेमल, महुआ, जामुन, गूलर, बेर, शीशम, बाँस, आमला, इमली, ढाक, साल इत्यादि के वृक्ष उष्ण कटिबंधीय नम पर्णपाती वनों में सम्मिलित किए  जाते हैं।

(ii) उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन

– इस प्रकार के वनों में अंजीर, शीशम, अमलतास, साल, बेल, पलास, पीपल इत्यादि वृक्ष पाए जाते हैं।

– ये वन राज्य के मध्यवर्ती तथा पश्चिमी भागों में विस्तारित है।

(iii) कँटीली झाड़ियों वाले उष्णकटिबंधीय वन  

– ये वन कम वर्षा वाले क्षेत्रों में उगते हैं जहाँ मात्र 50 से 75 सेमी. वर्षा की प्राप्ति होती है।

– इस प्रकार के वनों के लिए उत्तर प्रदेश का दक्षिणी भाग आदर्श स्थल है।

– यहाँ फलाई, यूफर्वियास, कत्था, अकेसिया, थोर, कक्का, नीम, कँटीले लेगुनस जैसे वृक्ष एवं झाड़ियाँ पायी जाती हैं।

– गोंद एवं राल की प्राप्ति उष्णकटिबंध वाली कँटीली झाड़ियों के वनों से ही होती है।

– राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 1987 में पहली बार वन रिपोर्ट जारी हुई।

– 2021 की 17वीं रिपोर्ट 13 जनवरी, 2022 को जारी की गई, यह रिपोर्ट प्रत्येक दो वर्ष में जारी की जाती है।

– उत्तर प्रदेश का कुल क्षेत्रफल – 2,40,928 km2

वनावरण –

– कुल वन क्षेत्रफल – 14,818 km2

– अत्यधिक सघन वन – 2627 km2(1.09%)

– मध्यम सघन वन – 4029 km(1.67%)

– खुले वन – 8162 km2 (3.39%)

– झाड़ियाँ – 563 km2(0.23%)

वृक्ष आवरण

– कुल क्षेत्रफल – 7421 km2

– भौगोलिक क्षेत्रफल का प्रतिशत – 3.08% 

– प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल में वन आवरण का प्रतिशत – 6.15%

– 2019 की तुलना में क्षेत्रफल में बदलाव – +12 km2

– सर्वाधिक वृद्धि सहारनपुर – 49.92km2

– सर्वाधिक कमी सोनभद्र – 109 km2

– 2019 की तुलना में प्रतिशत बदलाव – 0.08%

सर्वाधिक वन आवरण क्षेत्रफल वाले जिले

– सोनभद्र– 2436 km2

– खीरी– 1272 km2

– मिर्जापुर– 746 km2

– पीलीभीत– 685 km2

– चित्रकूट– 631 km2

न्यूनतम वन आवरण क्षेत्रफल वाले जिले

– भदोही– 3.71 km2

– मऊ– 11 km2

– मैनपुरी– 13.64 km2

– संतकबीर नगर– 14.40 km2

– देवरिया– 15.21 km2

सर्वाधिक वन क्षेत्र प्रतिशत वाले जिले

– सोनभद्र– 35.29 %

– चंदौली– 21.78%

– चित्रकूट– 19.64%

– पीलीभीत– 18.60%

– श्रावस्ती– 17.40%

न्यूनतम वन क्षेत्र प्रतिशत वाले जिले

– संत रविदास नगर – 0.37%

– मैनपुरी – 0.49%

– देवरिया – 0.6%

– बदायूँ – 0.62%

– मऊ – 0.64%

वन से प्राप्त उत्पादउपयोगिता
ताड़ व खजूर का रसताड़ी का निर्माण
बबूल की छालरंग रोगन
बेंतफर्नीचर तथा छड़ी
भोजपत्र का वृक्षप्राकृतिक कागज
सेमल, कुरेल एवं पापुलर के वृक्षमाचिस की तीलियाँ
महुए व साखू का पत्ताइनके पत्तों से भोजन करने योग्य थाली (पत्तल) व कटोरी। महुए के फल से मदिरा एवं रोटी
काजू एवं अखरोट की लकड़ीप्लाईवुड का निर्माण
चीड़ वृक्ष की रालविरोजा एवं तारपीन तेल का निर्माण
खैर वृक्ष का रसकत्था
लाखचूड़ियाँ एवं खिलौने
हरड़ व बहेड़आयुर्वेदिक औषधि

उत्तर प्रदेश वन निगम

स्थापना – वर्ष 1974

स्थापना का उद्देश्य

वनों की सुरक्षा एवं विकास, वनोत्पाद का संग्रहण, राजस्व की सुरक्षा एवं बिचौलियों पर नियंत्रण के साथ श्रमिकों के हितों की सुरक्षा।

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