इस पोस्ट में हम विश्व के सभी 5 महासागर के बारे में पढ़ने वाले हैं अपने हाद्वीप एवं महासागरों के बारे में तो जरूर पढ़ा होगा या सुना होगा लेकिन हम प्रत्येक महासागर को विस्तार से पढ़ने वाले हैं इसलिए इस टॉपिक को इग्नोर बिल्कुल ना करें इसमें हमने महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई है 

प्रत्येक महासागर को आप विस्तार से सरल भाषा में पढ़ सकते हैं एवं आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए अच्छे से याद भी जरूर कर ले क्योंकि ऐसे नोट्स आपको और कहीं भी नहीं देखने को मिलेंगे

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विश्व के महासागर

● पृथ्वी के धरातलीय भाग के 2 प्रमुख अंगों- महाद्वीप तथा महासागर को प्रथम श्रेणी का उच्चावच माना जाता है।

● वर्तमान समय में पृथ्वी पर 7 महाद्वीप एवं 5 महासागर पाए जाते हैं।

● पृथ्वी के धरातल पर 70.8% भाग पर महासागरों तथा 29.2% भाग पर महाद्वीपों का विस्तार है।

नोट- पृथ्वी पर जल के बाहुल्य के कारण ही इसे ‘जलीय ग्रह’ एवं अंतरिक्ष से नीला नजर आने के कारण ‘नीला ग्रह’ कहा जाता है।

महासागर

● पृथ्वी पर कुल पाँच महासागर हैं-

1. प्रशांत महासागर

●     पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का 1/3 भाग पर विस्तृत प्रशांत महासागर पृथ्वी का सबसे विशाल एवं गहरा महासागर है।

●     प्रशांत महासागर की औसत गहराई 4280 मीटर है।

●     इसके उत्तर में बेरिंग जलसंधि एवं आर्कटिक महासागर है, जबकि दक्षिण में अंटार्कटिका है।

●     प्रशांत महासागर के पश्चिम में एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा पूर्व में उत्तर अमेरिका व दक्षिण अमेरिका महाद्वीप अवस्थित हैं।

    प्रशांत महासागर के प्रमुख गर्त– मैरियाना गर्त (विश्व का सबसे गहरा गर्त), करमाडेक गर्त, एल्यूशियन गर्त, क्यूराइल गर्त, जापान गर्त, फिलीपाइन गर्त, अटाकामा गर्त, रिक्यू गर्त, नीरो गर्त, ब्रुक गर्त, बेली गर्त, प्लानेट गर्त आदि।

●    प्रशांत महासागर में लगभग 20,000 द्वीप है।

2. अटलांटिक/अंध महासागर

●    पूर्व में यूरोप, अफ्रिका महाद्वीपों जबकि पश्चिम में उत्तरी अमेरिका एवं दक्षिणी अमेरिका महाद्वीपों के मध्य में विस्तृत है।

●    उत्तर में ग्रीनलैण्ड एवं आर्कटिक महासागर है, जबकि दक्षिण में अंटार्कटिक महासागर है।

●    अटलांटिक महासागर की आकृति अंग्रेजी वर्णमाला के ‘s’ आकार की है।

   प्रमुख मत्स्य बैंक– ग्रैंड बैंक, जॉर्ज बैंक, सेंट पियरे बैंक, विल द्वीप बैंक तथा डॉगर बैंक।

●    इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण की ओर है उत्तरी कटक को “डॉल्फिन कटक” तथा दक्षिणी कटक को “चैलेंजर कटक” कहा जाता है।

●    प्रमुख गर्त– प्यूर्टोरिको गर्त (अटलांटिक महासागर का सबसे गहरा गर्त) केमान गर्त, साउथ सैंडविच गर्त, रोमांश गर्त आदि।

     प्रमुख द्वीप– एजोर्स द्वीप, पाइको द्वीप, केप वर्डे द्वीप, सेंट पॉल द्वीप, न्यूफाउंडलैंड द्वीप, ग्रीनलैण्ड, आइसलैण्ड आदि।

     कैरेबियन सागर– अटलांटिक महासागर का सबसे बड़ा सीमांत सागर है।

3. हिंद महासागर

●    हिंद महासागर को “अर्द्ध महासागर” भी कहा जाता है।

●    हिन्द महासागर उत्तर में एशिया, दक्षिण में अटलांटिक, पश्चिम में अफ्रिका तथा पूर्व में एशिया व ऑस्ट्रेलिया से घिरा हुआ है।

●    हिन्द महासागर की औसत गहराई 4000 मीटर है।

●    भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक अवस्थिति के कारण हिंद महासागर की आकृति त्रिभुजाकार व अंग्रेजी वर्णमाला के ‘M’ आकार की है।

      प्रमुख गर्त– सुण्डा गर्त, मॉरीशस गर्त, ओब गर्त, डायमेंटिना गर्त, अमीरांटे गर्त आदि।

      प्रमुख द्वीप– मेडागास्कर, श्रीलंका, जावा, सुमात्रा, अण्डमान-निकोबार, मॉरीशस, जंजीबार, मालदीव, सेशेल्स, डियागो गार्सिया, कोकोस द्वीप आदि।

4. आर्कटिक महासागर

●    आर्कटिक महासागर उत्तरी ध्रुव की ओर स्थित है।

●    आर्कटिक महासागर अन्य महासागरों की अपेक्षा यह सबसे छोटा महासागर है।

●    इसकी औसत गहराई 3500 मीटर है।

●    विश्व में सर्वाधिक चौड़ी महाद्वीपीय मग्न तट इसी महासागर की है।

महासागरीय नितल उच्चावच

● स्थलखण्ड की तरह महासागरों के अंदर भी ऊँचे पर्वत, गहरी खाइयाँ, मैदान आदि अवस्थित है।

●    महासागरीय नितल का विभाजन– महासागरीय नितल को मुख्य 4 वर्गों में विभाजित किया जाता है-

1. महाद्वीपीय मग्नतट–

●     महाद्वीप एवं महासागर के मिलन क्षेत्र में महाद्वीप का महासागर की ओर बढ़ा हुआ जलमग्न भाग ‘महाद्वीपीय मग्नतट/महाद्वीपीय शेल्फ’ कहलाता है।

●     महाद्वीपीय मग्नतट की ढाल 1° से 3° के मध्य होती है।

●     आर्कटिक महासागर में साइबेरियन शेल्फ विश्व में सबसे अधिक चौड़ाई वाला मग्नतट (1500 किमी.) है।

●     महासागरीय नितल के सम्पूर्ण क्षेत्रफल का 8.6% भाग महाद्वीपीय मग्नतट के रूप में है।

●     प्रमुख वैश्विक मत्स्यन क्षेत्र जैसे- डॉगर बैंक (पश्चिम यूरोप), ग्रांड बैंक एवं जॉर्जेस बैंक (उत्तरी अमेरिका) इन्हीं क्षेत्रों के अंतर्गत अवस्थित है।

2. महाद्वीपीय ढाल–

●     महाद्वीपीय निमग्न तट एवं गहरे समुद्री मैदान के मध्य के अत्यंत तीव्र ढाल वाले महासागरीय क्षेत्र को ‘महाद्वीपीय ढाल’ कहते हैं।

●     इस ढाल पर जल की गहराई 200 मीटर से 3000 मीटर तक होती है।

●     इसी के अंतर्गत कैनियन (गहरी गर्त) एवं खाइयों जैसी समुद्री संरचनाएँ भी पाई जाती हैं।

3. गहरे सागरीय मैदान–

●     महाद्वीपीय उत्थान के बाद मैदान के समान महासागरीय गहरे तल को ‘सागरीय मैदान’ कहते हैं।

●     महासागरीय नितल के लगभग 75.9% भाग पर विस्तृत गहरे सागरीय मैदान स्थित है।

●     इसकी गहराई 3000 से 6000 मीटर तक पाई जाती है।

●     20°N से 60°S अक्षांशों के बीच महासागरीय मैदानों का सर्वाधिक विस्तार मिलता है।

4. महासागरीय गर्त

●     इसकी औसत गहराई 3 से 5 किमी. तक होती है।

●     विश्व में अब तक कुल 57 गर्तों का पता चला है जिसमें 32 गर्त प्रशांत महासागर में, 19 गर्त अटलांटिक महासागर में तथा 6 गर्त हिंद महासागर में मिलते हैं।

●     विश्व का सबसे गहरा गर्त प्रशांत महासागर में स्थित मैरियाना गर्त (11033 मी.) है।

●     इनकी रचना में प्लेट विवर्तनिक क्रियाओं का सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान है।    

महासागरीय गर्त
क्र.सं.गर्तगहराई (मी. में)स्थिति
1.मैरियाना11033प्रशांत महासागर
2.टोंगा10882प्रशांत महासागर
3.मिंडनाओ10500प्रशांत महासागर
4.प्यूटौरिको8380अटलांटिक महासागर(पश्चिम द्वीप समूह)
5.अटाकामा8065प्रशांत महासागर
6.रोमशे7758दक्षिणी अटलांटिक महासागर
7.सुण्डा7450हिन्द महासागर

विश्व के प्रमुख द्वीप

● ग्रीनलैण्ड द्वीप

●    विश्व का सबसे बड़ा द्वीप है।

●    आर्कटिक महासागर के दक्षिण में तथा अटलांटिक महासागर के उत्तर में स्थित है।

● पापुआ न्यू गिनी द्वीप

●     ऑस्ट्रेलिया देश के उत्तर में स्थित द्वीप जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है।

●     प्रशांत महासागर में स्थित है।

● बोर्नियो द्वीप

●     विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और एशिया का सबसे बड़ा द्वीप है।

●     यह दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर में स्थित है।

● मेडागास्कर द्वीप

●      अफ्रीका के पूर्वी भाग में स्थित द्वीप जो हिन्द महासागर में स्थित है।

●      यह विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है।

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उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने विश्व के सभी 5 महासागर से संबंधित नोट्स जो आपको उपलब्ध करवाई है वह आपको जरूर अच्छे लगे होंगे अगर आप इसी प्रकार टॉपिक के अनुसार सभी विषयों के नोट्स बिल्कुल फ्री में पढ़ना चाहते हैं तो हमारी इस वेबसाइट पर रोजाना विजिट करते रहे जिस पर हम आपको कुछ ना कुछ नया उपलब्ध करवाते हैं