उत्तर प्रदेश में कौन से खनिज पाए जाते हैं

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उत्तर प्रदेश के प्रमुख खनिज

– खनिज संसाधन किसी भी राष्ट्र की प्राकृतिक सम्पदा होते हैं, जो लाखों-करोड़ों वर्षों से पृथ्वी के भू–गर्भिक चट्टानों में स्थित जीवाश्मों का परिवर्तित स्वरूप है।

– भू-गर्भ से निकाले जाने वाले पदार्थों को खनिज कहते हैं। खनिज दो या दो से अधिक तत्त्वों का पूर्ण योग होता है। खनिज अजैविक प्रक्रियाओं से निर्मित होता है। इसका एक स्पष्ट रासायनिक संयोजन तथा परमाणविक संरचना होती है।

– आर्थिक भूगोल में खनिज शब्द का प्रयोग उन प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली वस्तुओं के लिए किया जाता है, जिनका खनन हो सकता है तथा जो आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण  हो।

– उत्तर-प्रदेश राज्य खनिज संसाधन के दृष्टि कोण से एक महत्त्वपूर्ण  स्थान रखता है। प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र की पर्वत शृंखला के मध्य विभिन्न प्रकार की खनिज सम्पदाओं का भण्डार है।

– ऊपरी विन्ध्य शैलों का निर्माण प्री-कैम्ब्रियन युग में हुआ, विन्ध्य शैलों के द्वारा कैमूर शृंखला की रचना हुई, जिसमें कठोर बलुआ पत्थर, क्वार्ट्जाइट एवं कांग्लोमरेट मिलते हैं। विन्ध्य शैल क्रम में मिलने वाले पदार्थ मुख्यत: चूने का पत्थर, डोलोमाइट एवं बलुआ पत्थर इत्यादि हैं।

– बुंदेलखंड में आद्य कल्प में निर्मित नीस शैलों को “बुंदेलखण्ड नीस” के नाम से अभिगृहीत किया जाता है।

– नीस शैलों में निम्न खनिजों का मिश्रण पाया जाता है :- लाल ओरचोक्लेज फैलस्पार, लाल क्वार्ट्ज, हार्नब्लेण्ड क्लोराइड आदि।

– आर्थिक विकास में खनिजों का एक महत्त्वपूर्ण  स्थान है। प्रदेश में मुख्य खनिजों तथा उप खनिजों के खनन के फलस्वरूप प्रदेश को न केवल भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति हो रही है, अपितु बड़ी संख्या में लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

– उत्तर प्रदेश में चूना पत्थर, डोलोमाइट, सिलिका सैण्ड, पाइरोकिलाइट, डायस्पोर, मैग्नेसाइट साफ्टस्टोन, तांबा, जिप्सम, ग्लास सैंड, संगमरमर, नान प्लास्टिक, फायर क्ले, यूरेनियम, वेराइट्स, एण्डोलूसाइट प्रमुख हैं, जबकि साधारण बालू, इमारती पत्थर, ईंट बनाने की मिट्‌टी, मौरंग, बजरी, कंकड़, शोरा, संगमरमर तथा लाइमस्टोन की गणना उप खनिज पदार्थों के अन्तर्गत की जाती है।

– प्रदेश में खनिज सम्पदा की खोज, विकास एवं उद्योगों की स्थापना हेतु 1955 में भू-तत्त्व एवं खनिज कर्म निदेशालय की स्थापना की गयी।

– निदेशालय द्वारा खोजे गए खनिज भंडारों को विकसित करके उन पर आधारित उद्योग लगाने के उद्देश्य से 1974 में उत्तर प्रदेश राज्य खनिज विकास निगम की स्थापना की गयी।

– प्रदेश की पहली खनिज नीति दिसम्बर, 1998 में घोषित की गई जिसमें खनिज विकास को उद्योग का दर्जा दिया गया।

– दिसम्बर, 1998 में घोषित नीति के अन्तर्गत प्रदेश के 12 जिलों को खनिज बहुल्य क्षेत्र घोषित किया गया, जो क्रमश: इस प्रकार हैं :

– प्रयागराज, झाँसी, सहारनपुर, मिर्जापुर, ललितपुर, जालौन, महोबा, सोनभद्र, चित्रकूट, चन्दौली, बाँदा, हमीरपुर।

उत्तर-प्रदेश के खनिज एवं प्रमुख खनन क्षेत्र तथा उनकी उपयोगिता

खनिजप्रमुख खनन क्षेत्रउपयोगिता
चूना-पत्थरमिर्जापुर, सोनभद्र (गुरुमा-कनाच-बासुहारी एवं कजराहट)गृह निर्माण के क्षेत्र में, कागज, चीनी, उर्वरक, शीशा उद्योग में
कोयलासिंगरौली (सोनभद्र)ईंधन तथा ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में
बॉक्साइटबाँदा, चन्दौसी एवं सोनभद्रलोहा और स्टील बनाने में किया जाता है।
डोलोमाइटमिर्जापुर, सोनभद्र एवं बाँदाएल्युमिनियम लोहा-इस्पात उद्योग में
जिप्समहमीरपुर और झाँसीकृषि क्षेत्र में (मिट्‌टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए)
सोनाशारदा एवं रामगंगा के रेत मेंआभूषण बनाने में
काँच बालू(Sand Stone)शंकरगढ़, लालापुर क्षेत्र (इलाहाबाद), बरगढ़, लौहगढ़ धनद्रोल (चित्रकूट), चन्दौसी का चकिया क्षेत्र, झाँसी के मुडारी और नाला बहेर क्षेत्रइमारत, भवन निर्माण
यूरेनियमललितपुरपरमाणु ऊर्जा
पाइराइट्समिर्जापुरनकली गहने में
चाइना क्लेसोनभद्रप्याली, कटोरी, थाली, अस्पताल में होने वाले विभिन्न उपकरणों में
हीराबाँदा एवं मिर्जापुरआभूषण बनाने में
संगमरमरमिर्जापुर एवं सोनभद्रगृह-निर्माण के क्षेत्र में
फायर क्लेमिर्जापुरधमन भट्ठियाँ
रॉक फॉस्फेट्सबाँदा और ललितपुरकृषि के क्षेत्र में
ताँबाललितपुर (सोनराई क्षेत्र)विद्युत क्षेत्र में, बर्तन बनाने में
एस्बेस्टॉसमिर्जापुरप्रयोगशाला उपकरण
कंकरीटसमस्त मैदानी क्षेत्रसड़क एवं भवन निर्माण में
इमारती पत्थरमिर्जापुरभवन निर्माण के क्षेत्र में
पोटाश लवणकानपुर, गाजीपुर, इलाहाबाद चंदौली, वाराणसी, झाँसी तथा बाँदाउर्वरक (कृषि क्षेत्र में)
सेलखड़ी (टॉल्क)झाँसी, हमीरपुरसौंदर्य प्रसाधन में
डायस्पोरमहोबा, झाँसी एवं ललितपुररत्न निर्माण क्षेत्र
पाइरोफिलाइटझाँसी, ललितपुर एवं हमीरपुरकीटनाशक के निर्माण में, सिरेमिक उद्योग में
एंडालुसाइटमिर्जापुररत्न निर्माण
ग्रेफाइटहमीरपुरलेखन सामग्री, मशीनरी में शुष्क स्नेहक के रूप में।

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