अगर आपके सिलेबस में कंप्यूटर विषय है तो यह पोस्ट आपके लिए है जिसमें हमने कंप्यूटर से संबंधित क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवाए हैं और यह नोट्स हमने बिल्कुल सरल एवं आसान भाषा में तैयार किए हैं इस पोस्ट में आपको कंप्यूटर मेमोरी क्या होती है और उसके प्रकार देखने को मिलेगा जिसे आप नीचे हिंदी भाषा में पढ़ सकते हैं
कंप्यूटर के ऐसे नोट्स आपको गूगल पर बहुत कम देखने को मिलेंगे इसलिए अगर आप कंप्यूटर की तैयारी हमारे साथ बिल्कुल फ्री करना चाहते हैं तो हम आपके लिए टॉपिक अनुसार नोट्स एवं उनसे बनने वाले प्रश्न उत्तर सहित हमारे इस वेबसाइट करवाएंगे
कंप्यूटर मेमोरी क्या होती है और उसके प्रकार
- मेमोरी (स्मृति) कम्प्यूटर का वह स्थान होता है, जहाँ पर डाटा, प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर आदि को संगृहीत / स्टोर किया जाता है।
- मेमोरी का डाटा अस्थायी और स्थायी रूप से स्टोर होता है।
रजिस्टर (Register)
- यह सबसे तेज तथा अस्थायी मेमोरी होती है। रजिस्टर डाटा संग्रहण व हस्तांतरण की सबसे छोटी मेमोरी होती है।
कैश मेमोरी (Cache Memory)
- यह एक अर्द्धचालक चिप होती है जो सिलिकॉन तथा जर्मेनियम की बनी होती है।
- यह मुख्य मेमोरी तथा सीपीयू के बीच स्थित होती है, जो डाटा ट्रांसफर
- दर तथा सीपीयू की अत्यधिक प्रोसेसिंग स्पीड के बीच संतुलन स्थापित करती है। इसे तात्कालिक मेमोरी भी कहते है।
कम्प्यूटर की मेमोरी का वर्गीकरण
यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
A. प्राथमिक स्मृति (Primary memory)
- यह कम्प्यूटर की मुख्य मेमोरी होती है।
- प्रोसेसिंग से पहले तक प्राइमरी मेमोरी में डाटा अस्थायी रूप से स्टोर होता है।
- इस मेमोरी को आंतरिक स्मृति, मुख्य स्मृति, सहायक स्मृति आदि नाम से जाना जाता है।
प्राथमिक मेमोरी मुख्यतः दो प्रकार की होती है –
- RAM- (Random Access memory) (रेंडम एक्सेस मेमोरी)
- यह मेमोरी डाटा को अस्थायी (Temporary) स्टोर करती है
- इसलिए इसे वोलेटाइल मेमोरी (Volatile) भी कहते हैं।
- कम्प्यूटर के बंद हो जाने पर इसमें उपस्थित डाटा स्वत: ही डिलीट हो जाता है।
- इस मेमोरी की क्षमता को कम्प्यूटर पर बढ़ाया भी जा सकता है।
RAM मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं-
(i) SRAM:- Static RAM (स्टेटिक रैम):- जब तक कम्प्यूटर चालू रहता है तब तक इसमें डाटा स्टोर रहता है तथा इसमें एक से अधिक ट्रांजिस्टर प्रयोग किए जाते हैं।
(ii) DRAM- Dynamic RAM (डायनेमिक रैम):- यह मेमोरी SRAM की तुलना में धीमी व सस्ती होती है।
ROM (Read only Memory) (रीड ओनली मेमोरी)
- यह प्राथमिक मेमोरी और स्थायी मेमोरी होती है।
- इस मेमोरी में डाटा को कम्प्यूटर निर्माता कंपनी द्वारा स्टोर किया जाता है।
- इस मेमोरी में यूजर द्वारा डाटा को स्टोर, डिलीट, मोडिफाई अर्थात्
- किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
ROM मुख्यत: 3 प्रकार की होती हैं-
i. PROM- (Programmable Read only memory) (प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी)
ii. EPROM- (Erasable Programmable Read only memory) (इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी)
iii. EEPROM – (Electrically Erasable Programmable Read only memory)
B. द्वितीयक स्मृति (Secondary Memory):-
- इस मेमोरी को External (बाहरी) मेमोरी भी कहते हैं।
- इस मेमोरी में डाटा को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है।
- यह मेमोरी CPU के बाहर स्थित होती है।
- यह मेमोरी कम्प्यूटर बन्द हो जाने के बाद भी स्टोर करके रखती है।
सैकेंडरी मेमोरी का वर्गीकरण (Classification of Secondary memory)
A. मैग्नेटिक टेप
B. मैग्नेटिक डिस्क-
i. हार्ड डिस्क
ii. फ्लॉपी डिस्क
C. ऑप्टिकल डिस्क
i. CD (Compact Disk)
ii. DVD (Digital Versastile / Video Disk)
iii. BRD (Blue Ray Disk)
D. फ्लैशड्राइव / रिमूवेबल डिस्क
i. पेन ड्राइव
ii. मेमोरी कार्ड
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