अगर आप राजस्थान से संबंधित किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हमारी यह पोस्ट आपके लिए है जिसमें हम आपके लिए राजस्थान का एकीकरण : ट्रिक नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं ऐसे नोट्स आपको फ्री में कहीं भी नहीं देखने को मिलेंगे लेकिन हम आपके घर बैठे निशुल्क ऐसे नोट्स उपलब्ध करवाते हैं ताकि आप बिना किसी कोचिंग संस्थान के आसानी से घर बैठे शानदार तैयारी कर सकें
अगर इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई नोट्स आपको अच्छे लगे तो आप इसे अपने दोस्तों एवं अन्य ग्रुप में जरूर शेयर करें ताकि अन्य जो विद्यार्थी सेल्फ स्टडी कर रहा है उसको भी सहायता मिल सके
राजस्थान का एकीकरण
Table of contents
- राजस्थान नामकरण (संवैधानिक रूप से) – 26 जनवरी, 1950
- वर्तमान स्वरूप – 1 नवम्बर, 1956
- एकीकरण के चरण – 7 चरण
- अवधि –8 वर्ष 7 महीने 14 दिन
एकीकरण के समय – 19 रियासतें, 3 ठिकाने व 1 केन्द्रशासित प्रदेश
- प्राचीनतम रियासत – मेवाड़/उदयपुर
- नवीनतम रियासत – झालावाड़
- सर्वाधिक जनसंख्या – जयपुर रियासत
- सर्वाधिक क्षेत्रफल – मारवाड़/जोधपुर रियासत
- न्यूनतम जनसंख्या – शाहपुरा रियासत
- न्यूनतम क्षेत्रफल – शाहपुरा रियासत
रियासती विभाग
- गठन – 5 जुलाई, 1947
- कार्य – रियासतों का एकीकरण करना
- नेतृत्व – सरदार वल्लभभाई पटेल
- सचिव – वी.पी. मेनन
- मुख्यालय – नई दिल्ली
- विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम रियासत – बीकानेर
- विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अंतिम रियासत – धौलपुर
- धौलपुर शासक उदयभानसिंह ने 14 अगस्त, 1947 को विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
- एकीकरण पर सर्वप्रथम हस्ताक्षर करने वाले शासक – अलवर महाराजा तेजसिंह
राजस्थान में ठिकाने
1. नीमराणा (अलवर)
2. कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा)
3. लावा (जयपुर)
- नीमराणा शासक – राजेन्द्रसिंह
- लावा शासक – प्रदीपसिंह
- कुशलगढ़ शासक – हरेन्द्रसिंह
- सर्वाधिक क्षेत्रफल – कुशलगढ़
- सबसे छोटा ठिकाना – लावा
- केन्द्रशासित प्रदेश – अजमेर-मेरवाड़ा
अजमेर-मेरवाड़ा C श्रेणी का राज्य था।
एकीकरण के 7 चरण
प्रथम चरण :- मत्स्य संघ
- विलय – 18 मार्च, 1948
- चार रियासतें व एक ठिकाने का विलय
- रियासतें – अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करौली
- ठिकाना – नीमराणा
- राजधानी – अलवर
- राजप्रमुख – उदयभानसिंह (धौलपुर)
- उपराजप्रमुख – गणेशपाल देव (करौली)
- प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत (अलवर प्रजामंडल के नेता)
- मंत्रिमण्डल – युगलकिशोर चतुर्वेदी, मास्टर भोलानाथ, गोपीलाल यादव, डॉ. मंगलसिंह व चिरंजीलाल शर्मा।
- मत्स्य संघ नाम की सिफारिश – के.एम. मुंशी
- उद्घाटन – नरहरि विष्णु गॉडगिल
- स्थान – लोहागढ़ दुर्ग, भरतपुर
- औसत वार्षिक आय – 184 लाख रु.
- जनसंख्या – 18 लाख 37 हजार 994
- क्षेत्रफल – 12000 वर्ग किमी.
द्वितीय चरण :- राजस्थान संघ/पूर्वी राजस्थान
- विलय – 25 मार्च, 1948
- 9 रियासतें तथा एक ठिकाने का विलय
- रियासतें – बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बूँदी, झालावाड़ व कोटा।
- ठिकाना – कुशलगढ़
- राजधानी – कोटा
- राजप्रमुख – कोटा महाराव भीमसिंह
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख – बूँदी महाराव बहादुरसिंह
- कनिष्ठ उपराजप्रमुख – डूँगरपुर महारावल लक्ष्मणसिंह
- प्रधानमंत्री – गोकुललाल असावा (शाहपुरा)
- उद्घाटन – नरहरि विष्णु गॉडगिल, कोटा दुर्ग में किया गया।
- बाँसवाड़ा शासक चन्द्रवीरसिंह ने एकीकरण विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा था- “मैं अपने डेथ वारन्ट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।“
- औसत वार्षिक आय – 2.06 करोड़
- कुल क्षेत्रफल – 16807 वर्ग किमी.
- कुल जनसंख्या – 23.5 लाख
तृतीय चरण:- संयुक्त राजस्थान
- विलय – 18 अप्रैल, 1948
- पूर्वी राजस्थान + उदयपुर
- राजधानी – उदयपुर
- राजप्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
- कनिष्ठ उपराजप्रमुख –
महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर) - प्रधानमंत्री – माणिक्यलाल वर्मा (मेवाड़)
- उद्घाटन – जवाहरलाल नेहरू
- स्थान – उदयपुर
- माणिक्यलाल वर्मा ने कहा था कि – “महाराणा भूपालसिंह एवं उनका दिवान मेवाड़ के बीस लाख लोगों के भाग्य का निर्धारण अकेले नहीं कर सकते।”
- औसत वार्षिक आय – 3.16 करोड़
- कुल क्षेत्रफल – 29777 वर्गमील
- कुल जनसंख्या – 42 लाख 60 हजार 918
- मंत्रिमण्डल – मोहनलाल सुखाड़िया, गोकुललाल असावा, प्रेमनारायण व भूरेलाल बयां, भोगीलाल पण्ड्या, अभिन्न हरि व बृजसुन्दर शर्मा
चतुर्थ चरण:- वृहत् राजस्थान
- विलय – 30 मार्च, 1949
- रियासतें – जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर
- ठिकाना – लावा
- संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर रियासतों और लावा ठिकाने का विलय।
- राजधानी – जयपुर
- महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
- राजप्रमुख – सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
महाराजा हनुवन्तसिंह (जोधपुर) - कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर) - प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
- उद्घाटन – सरदार वल्लभभाई पटेल
स्थान – जयपुर में - पी. सत्यनारायण राव समिति के अनुसार निम्नलिखित विभागों का आवंटन हुआ-
राजधानी – जयपुर
न्याय विभाग – जोधपुर।
शिक्षा विभाग – बीकानेर।
वन विभाग – कोटा।
कृषि विभाग – भरतपुर।
खनिज विभाग – उदयपुर। - मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयां, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर व सिद्धराज ढड्ढ़ा।
- सुमनेश जोशी द्वारा प्रकाशित ‘रियासती’ समाचार पत्र में जोधपुर शासक हनुवंतसिंह के पाकिस्तान में मिलने की योजना का पर्दाफाश किया।
- राममनोहर लोहिया के नेतृत्व में ‘राजस्थान आंदोलन समिति’ का गठन कर जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर व मत्स्य संघ को संयुक्त राजस्थान में सम्मिलित कर एक सुदृढ़ इकाई के गठन की मांग की।
- राजस्थान दिवस – 30 मार्च
पंचम् चरण:- संयुक्त वृहत् राजस्थान
- विलय – 15 मई, 1949
- वृहत् राजस्थान + मत्स्य संघ
- राजधानी – जयपुर
- महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
- राजप्रमुख – सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
- महाराजा हनुवन्तसिंह (जोधपुर)
- कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
- महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर)
- प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
- मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयां, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर, शोभाराम कुमावत व सिद्धराज ढड्ढ़ा।
- शंकरदेव राय समिति की सिफारिश पर मत्स्य संघ का विलय वृहत् राजस्थान में किया गया।
षष्ठम् चरण :- राजस्थान
- विलय – 26 जनवरी, 1950
- सिरोही (आबू व देलवाड़ा को छोड़कर) का राजस्थान में विलय।
- राजधानी – जयपुर
- महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
- राजप्रमुख – सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
महाराजा हनुवन्तसिंह (जोधपुर) - कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर) - प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
- मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयां, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर व सिद्धराज ढड्ढ़ा।
- 1 फरवरी, 1948 को सरदार पटेल ने सिरोही का विलय गुजरात में किया।
- बलवंतसिंह मेहता एवं गोकुल भाई भट्ट के आंदोलन के कारण 26 जनवरी, 1950 को सिरोही को राजस्थान में शामिल किया गया लेकिन आबू व देलवाड़ा क्षेत्र को गुजरात में शामिल कर दिया गया।
- हीरालाल शास्त्री ने पटेल को पत्र लिखा कि – “सिरोही का अर्थ गोकुल भाई भट्ट है इनके बिना हम राजस्थान नहीं चला सकते।”
- 26 जनवरी, 1950 को राजस्थान को ‘राजस्थान’ शब्द की संवैधानिक मान्यताएँ प्राप्त हुई।
सप्तम् चरण:- वर्तमान राजस्थान
- विलय – 01 नवम्बर, 1956
- राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों पर अजमेर – मेरवाड़ा, माउंटआबू, देलवाड़ा का राजस्थान में विलय।
- मध्यप्रदेश के सुनेल टप्पा का राजस्थान में और सिरोंज का मध्यप्रदेश में विलय किया गया।
- राजधानी – जयपुर।
- मुख्यमंत्री – मोहनलाल सुखाड़िया
- राज्यपाल – सरदार गुरुमुख निहालसिंह
- राजप्रमुख पद को समाप्त कर राज्यपाल का पद सृजित किया गया और राज्यों की श्रेणी अ, ब तथा स को समाप्त कर दिया गया।
♦ महत्त्वपूर्ण तथ्य :-
राज्य पुनर्गठन आयोग
- स्थापना- 22 दिसम्बर, 1953
- अध्यक्ष – फैजल अली
- सदस्य – सरदार पन्नीकर
- हृदयनाथ कुंजरू
- कार्य – भाषा संबंधी समस्याओं का अध्ययन कर रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंपना।
- आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 पारित कर संविधान ने 7वाँ संशोधन किया गया।
7वाँ संविधान संशोधन के तहत
- आबू-देलवाड़ा व अजमेर-मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय
- राज्यों की श्रेणियाँ समाप्त कर दी गई।
A श्रेणी – ऐसे राज्य जो यथास्थिति में थे।
B श्रेणी – ऐसे राज्य जिनका निर्माण एकीकरण से हुआ।
C श्रेणी – ऐसे राज्य जो ब्रिटिश सत्ता में चीफ कमीश्नरी स्टेट थे।
संघ बनाने का प्रयास करने वाले शासक
- राजपूताना संघ – सवाई मानसिंह द्वितीय
- वागड़ संघ – लक्ष्मणसिंह
- मेवाड़ संघ – भूपालसिंह
- हाड़ौती संघ – कोटा शासक भीमसिंह
- जाट झण्डा खतरे में – मानसिंह
- प्रथम स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 1947) भरतपुर में नहीं मनाया गया।
चरण एवं नाम | विलय | रियासतें/ठिकाना | राजधानी | प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री | राजप्रमुख | उद्घाटनकर्त्ता |
---|---|---|---|---|---|---|
प्रथम मत्स्य संघ | 18 मार्च, 1948 | अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली व नीमराणा | अलवर | शोभाराम कुमावत (अलवर) | उदयभानसिंह (धौलपुर), उपराजप्रमुख गणेशपालदेव (करौली) | एन.वी. गॉडगिल |
द्वितीय पूर्वी राजस्थान/ राजस्थान संघ | 25 मार्च, 1948 | कोटा, बूँदी, झालावाड़, टोंक, किशनगढ़, बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, शाहपुरा, प्रतापगढ़ व कुशलगढ़ | कोटा | गोकुललाल असावा (शाहपुरा) | राव भीमसिंह (कोटा), उपराजप्रमुख बहादुरसिंह (बूँदी), महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर) | एन.वी. गॉडगिल |
तृतीयसंयुक्त राजस्थान | 18 अप्रैल, 1948 | पूर्वी राजस्थान + उदयपुर | उदयपुर | माणिक्यलाल वर्मा(उदयपुर) | महाराणा भूपालसिंह (उदयपुर), उपराजप्रमुख भीमसिंह (कोटा) | जवाहरलाल नेहरू |
चतुर्थ वृहत् राजस्थान | 30 मार्च, 1949 | संयुक्त राजस्थान + जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर व लावा | जयपुर | हीरालाल शास्त्री(जयपुर) | सवाई मानसिंह (जयपुर), महाराजप्रमुख भूपालसिंह (उदयपुर) | सरदार वल्लभभाई पटेल |
पंचम संयुक्त वृहत् राजस्थान | 15 मई, 1949 | वृहत् राजस्थान + मत्स्य संघ | जयपुर | हीरालाल शास्त्री | सवाई मानसिंह | |
षष्ठराजस्थान | 26 जनवरी, 1950 | सिरोही (आबू व देलवाड़ा को छोड़कर) | जयपुर | हीरालाल शास्त्री | सवाई मानसिंह | |
सप्तम् राजस्थान | 1 नवम्बर, 1956 | अजमेर – मेरवाड़ा, माउंटआबू, देलवाड़ा व सुनेल टप्पा | जयपुर | मोहनलाल सुखाड़िया | राज्यपालगुरुमुख निहालसिंह |
आपकी जिद है सरकारी नौकरी पाने की तो हमारे Whatsapp Group एवं Telegram चैनल को अभी जॉइन कर ले
Join Whatsapp Group | Click Here |
Join Telegram | Click Here |
उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में उपलब्ध करवाए गए राजस्थान का एकीकरण : ट्रिक नोट्स आपको जरूर अच्छे लगे होंगे और यह नोटिस आपके आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए निश्चित ही जरूर काम आएंगे ऐसे ही नोट्स के साथ अगर आप निशुल्क तैयारी करना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट Upsc Notes पर विजिट करते रहे