Rajasthan Polity : राजस्थान के मुख्यमंत्री – एक नजर में

इस पोस्ट में हम राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में बात करने वाले हैं जिसमें आपको मुख्यमंत्री से संबंधित लगभग सभी छोटी से छोटी बात से लेकर बड़ी जानकारी तक बिल्कुल विस्तार में बताने वाले है मुख्यमंत्री की योग्यताएं , मुख्यमंत्री के कार्य , नियुक्ति एवं शक्तियों के बारे में आपको बिल्कुल सरल एवं असम भाषा में क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं 

इन नोट्स को पढ़ने के बाद आप मुख्यमंत्री से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त कर लेंगे | अगर आप बिना किसी कोचिंग केघर बैठकर तैयारी कर रहे हैं तो हमारे यह नोटिस आपको सफलता तक जरूर ले जाएंगे ऐसे नोट्स हम आपके लिए बिल्कुल फ्री लेकर आते हैं

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

राजस्थान के मुख्यमंत्री

● हमारे देश में संघात्मक एवं संसदात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है। संघात्मक शासन व्यवस्था में शासन दो स्तरों पर संचालित होता है, प्रथम – केन्द्र स्तर एवं द्वितीय – राज्य स्तर।

● इस प्रकार की शासन व्यवस्था के अंतर्गत कार्यपालिका दो प्रकार की होती है, यथा – वास्तविक कार्यपालिका एवं औपचारिक कार्यपालिका।

● भारत में केन्द्र स्तर पर राष्ट्रपति औपचारिक रूप से मुख्य कार्यपालिका है जबकि प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद् वास्तविक कार्यपालिका होती है, ठीक इसी प्रकार राज्य स्तर पर राज्यपाल औपचारिक रूप से मुख्य कार्यपालिका तथा मुख्यमंत्री एवं उसकी मंत्रिपरिषद् वास्तविक कार्यपालिका के रूप में शासन का संचालन करता है।

● मुख्यमंत्री राज्य शासन की धुरी होता है। भारतीय संविधान के प्रावधानानुसार मुख्यमंत्री राज्य सरकार का वास्तविक संवैधानिक प्रधान होता है।

● भारतीय संविधान के भाग-6 के अनुच्छेद-163, 164 में मंत्रिपरिषद् जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करता है, के गठन का प्रावधान किया गया है।

● भारतीय संविधान के अनुच्छेद–163 के अंतर्गत राज्यपाल अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन मंत्रिपरिषद् की सहायता एवं परामर्श से करता है जबकि मंत्रिपरिषद् का नेतृत्व राज्य का मुख्यमंत्री करता है।

 भारतीय संविधान में मुख्यमंत्री पद की योग्यताओं का उल्लेख नहीं है।

 साधारणतया विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायक (M.L.A.) अपने में से ही मुख्यमंत्री बनाया जाता रहा है। इस आधार पर भी यही कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री पद के लिए वही योग्यताएँ होना आवश्यक है जो एक विधायक के लिए आवश्यक होती है।

नोट :   मुख्यमंत्री की योग्यता के संदर्भ में संविधान मौन है लेकिन उसे विधानसभा में बहुमत दल का नेता होना चाहिए। 

● अनुच्छेद-164 के तहत मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा।

● राज्यपाल उसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है जिसे विधानसभा में उसके दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो।

● ऐसा व्यक्ति जो राज्य विधान मण्डल का सदस्य नहीं हो तो भी 6 माह के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त किया जा सकता है। इसी दौरान उसे विधान मण्डल के लिए निर्वाचित होना होगा नहीं तो उसका मुख्यमंत्री पद समाप्त हो जाएगा।

● संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री को विधान मण्डल के दो सदनों में से किसी एक का सदस्य होना अनिवार्य है।

● सामान्यत: मुख्यमंत्री निचले सदन (विधानसभा) से चुना जाता है।

● राज्य कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री होता है।

● मुख्यमंत्री को राज्यपाल पद व गोपनीयता की शपथ दिलाता है।

● मंत्रिपरिषद् के प्रमुख के रूप में मुख्यमंत्री का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

● हालाँकि राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त अपने पद पर रहता है। लेकिन राज्यपाल द्वारा उसे तब तक बर्खास्त नहीं किया जा सकता, जब तक कि उसे विधानसभा में बहुमत प्राप्त है।

● मुख्यमंत्री के वेतन एवं भत्तों का निर्धारण राज्य विधानमंडल द्वारा किया जाता है।

1. मंत्रिपरिषद् संबंधित शक्तियाँ

● राज्यपाल उन्हीं लोगों को मंत्री नियुक्त करता है जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री ने की हो। (अनुच्छेद-164)

● मंत्रियों के विभागों का वितरण मुख्यमंत्री करता है।

● मतभेद की स्थिति में किसी भी मंत्री से त्यागपत्र देने के लिए कह सकता है या राज्यपाल को उसे बर्खास्त करने का परामर्श दे सकता है।

● मंत्रिपरिषद् की बैठकों की अध्यक्षता करता है।

● मंत्रियों के मध्य समन्वय सहयोग एवं मार्गदर्शन देता है।

● अपना त्यागपत्र देकर मंत्रिपरिषद् को समाप्त कर सकता है।

2. राज्यपाल संबंधित शक्तियाँ 

● राज्यपाल एवं मंत्रिपरिषद् के बीच संवाद की प्रमुख कड़ी मुख्यमंत्री होता है। (अनुच्छेद-167)

● वह महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों, राज्य निर्वाचन आयुक्त आदि की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल को सलाह देता है।

3. राज्य विधान मण्डल के संबंध में 

● राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने एवं उसे स्थगित करने के संबंध में सलाह देता है। (अनुच्छेद-174)

● किसी भी समय राज्यपाल को विधानसभा विघटित करने की सिफारिश कर सकता है।

● सरकारी नीतियों की घोषणा करता है।

4. अन्य

● वह नीति आयोग की “शासी परिषद्” (Governing Council) का सदस्य होता है।

● राज्य सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है।

● आपात स्थिति में राजनीतिक स्तर पर वह मुख्य प्रबंधक होता है।

● मुख्यमंत्री “मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद्” का अध्यक्ष होता है एवं राज्य की समस्त सेवाओं का राजनीतिक प्रमुख होता है।

मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के संदर्भ में

● अनुच्छेद-164 के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह पर ही करता है।

● मंत्रिपरिषद् जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होता है की सामूहिक जिम्मेदारी राज्य विधानसभा के प्रति होती है।  

अनुच्छेद-167 में मुख्यमंत्री के राज्यपाल के प्रति निम्न संवैधानिक कर्तव्य है-

a. राज्य प्रशासन तथा विधान के प्रस्तावों संबंधित जो निर्णय मंत्रिपरिषद् के द्वारा लिए गए हैं, उन निर्णयों की सूचना राज्यपाल को पहुँचाना।

b. राज्य प्रशासन तथा विधान के प्रस्तावों के संबंध में जो भी जानकारी राज्यपाल द्वारा माँगी जाए उसे राज्यपाल तक पहुँचाना।

c. किसी ऐसे विषय को जिस पर किसी एक मंत्री ने निर्णय लिया हो, किन्तु मंत्रिपरिषद् में उस निर्णय पर सामूहिक निर्णय नहीं किया गया तो उस निर्णय पर राज्यपाल के निर्देशों पर मंत्रिपरिषद् में विचार करवाना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है।

● राज्य में शांति व्यवस्था और विकास के लिए योजनाएँ एवं कार्यक्रम तैयार करना।

● राज्य विधानसभा का सत्र बुलवाना।

● राज्यपाल का भाषण तैयार करवाना।

● राज्यपाल एवं मंत्रिपरिषद् के मध्य सम्पर्क सूत्र का काम करना।

● राज्य के विकास के लिए नीति एवं योजना बनाना।

● केन्द्र एवं विभिन्न अभिकरणों से संधियाँ एवं समझौते करना।

● राज्य की जनता से सम्पर्क स्थापित करना।

● राज्य प्रशासन से सम्पर्क स्थापित करना एवं नेतृत्व प्रदान करना।

● जनता की शिकायतों को सुनना और उनकी समस्याओं का निराकरण करना।

● राज्य विधानसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देना और सरकार तथा मंत्रिपरिषद् का पक्ष स्पष्ट करना।

विशेष तथ्य

● वर्तमान में अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने (17 दिसम्बर, 2018) वाले 25वें मुख्यमंत्री हैं एवं व्यक्ति के रूप में 13वें हैं।

● राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री- हीरालाल शास्त्री (7 अप्रैल, 1949)

● सी.एस. वेंकटाचारी ICS अधिकारी थे जिन्हें केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्री नियुक्त किया।

i. श्री हीरालाल शास्त्री

ii. सी. एस. वेंकटाचारी

iii. जयनारायण व्यास

● राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री:- टीकाराम पालीवाल

(3 मार्च,1952)

● जयनारायण व्यास मनोनीत एवं निर्वाचित होने वाले एकमात्र मुख्यमंत्री रहे।

● मोहनलाल सुखाड़िया (उदयपुर) सर्वाधिक लम्बी अवधि एवं सर्वाधिक चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। राजस्थान के सबसे युवा मुख्यमंत्री यही हैं। 

1. 13 नवम्बर, 1954 – 11 अप्रैल, 1957

2. 11 अप्रैल, 1957 – 11 मार्च, 1962

3. 12 मार्च, 1962 – 13 मार्च, 1967

4. 26 अप्रैल, 1967 – 9 जुलाई, 1971

● राज्य के एकमात्र अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री: – बरकतुल्लाह खाँ (जोधपुर)

● राज्य के प्रथम गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री: – भैरोंसिंह शेखावत (1977 में) (सीकर)

● राज्य के अनुसूचित जाति से बने प्रथम मुख्यमंत्री: – जगन्नाथ पहाड़िया। (भरतपुर)

● राज्य के सबसे कम अवधि के लिए मुख्यमंत्री: – हीरालाल देवपुरा (16 दिन)

● हरिदेव जोशी तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने लेकिन कभी 5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण नहीं किया।

    1. 1973-77 

    2. 1985-88 

    3. 1989-90 

● राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री: – श्रीमती वसुंधरा राजे (2003)

(झालरापाटन)

● अभी तक 5 बार राजस्थान विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। (1990, 1990, 1993, 2009, 2020)

● राजस्थान में अभी तक 4 व्यक्तियों ने तीन या तीन से अधिक बार मुख्यमंत्री का पद संभाला है–

    i. मोहनलाल सुखाड़िया – (4 बार)     

    ii. हरिदेव जोशी – (3 बार)

    iii. भैरोंसिंह शेखावत – (3 बार) 

    iv. अशोक गहलोत – (3 बार)

● राज्य के प्रथम मध्यावधि चुनाव, 1980 में हुए जबकि छठी विधानसभा 5 वर्ष से पहले ही भंग कर दी गई।

● पाँचवीं विधानसभा की अवधि 5 वर्ष से अधिक (आपातकाल के कारण) बढ़ाई गई। यह एकमात्र विधानसभा थी जिसकी अवधि 5 वर्ष से अधिक थी।   

● हीरालाल देवपुरा एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

● बरकतुल्लाह खाँ एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जिनका निधन पद पर रहते हुए हुआ है।

● हरिदेव जोशी, भैरोंसिंह शेखावत तथा वसुंधरा राजे तीन ऐसे मुख्यमंत्री थे जो राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।

क्र.सं.मुख्यमंत्रीकार्यकालविवरण
1.हीरालाल शास्त्री (जयपुर)7 -04-1949 से 5-01-1951राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री।वनस्थली में जीवन कुटीर की स्थापना।1947 में संविधान सभा के सदस्य चुने गए।30 मार्च, 1949 राजस्थान राज्य की स्थापना पर प्रथम मुख्यमंत्रीलोकसभा सदस्य भी रहे।इनके ऊपर डाक टिकट भी जारी किया।
2.सी.एस. वेंकटाचारी6-01-1951 से 25-04-1951केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त।उत्तर प्रदेश में नौकरशाह के बतौर सेवाएँ दी।बीकानेर राज्य के प्रधानमंत्री रहे।राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के सचिव रहे।कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे।
3.जयनारायण व्यास (जोधपुर)26-04-1951 से 03-03-1952निर्वाचित और मनोनीत मुख्यमंत्रीयूथ लीग मारवाड़ लोक परिषद् के संस्थापक।1952 में प्रथम विधानसभा चुनाव जालोर व जोधपुर से हारने परटीकाराम पालीवाल मुख्यमंत्री बने।’किशनगढ़’ के उपचुनाव में जीतने पर पुनः मुख्यमंत्री बने(1 नवम्बर,1952)राज्यसभा के 2 बार सदस्य चुने गए।
4.टीकाराम पालीवाल (दौसा)03-03-1952 से 31-10-1952प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।जयनारायण व्यास की सरकार में मंत्री रहे। फिर मुख्यमंत्री बने।2 बार एम.एल.ए. तथा एक बार लोकसभा सदस्य रहे।
5.जयनारायण व्यास01-11-1952 से 12-11-1954 प्रथम मनोनीत एवं निर्वाचित मुख्यमंत्री रहे।
6.मोहनलाल सुखाड़िया(उदयपुर)13-11-1954 से 09-07-19714 बार मुख्यमंत्री एवं सर्वाधिक अवधि तक मुख्यमंत्री रहे।मेवाड़ प्रजामण्डल में शामिल हुए।राजस्थान संघ के समय सिंचाई व श्रम मंत्री रहे।तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे।इन्हें “आधुनिक राजस्थान का निर्माता” भी कहा जाता है।
7.बरकतुल्लाह खाँ(जोधपुर)09-07-1971 से 11-10-1973प्रथम अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री रहे।भारत-पाक युद्ध (1971), कार्यकाल के दौरान ही मृत्यु हुई।बरकतुल्लाह खाँ का संबंध जोधपुर से था।अलवर के तिजारा से विधायक रहे।
8.हरिदेव जोशी(बाँसवाड़ा)11-10-1973 से 29-04-1977बाँसवाड़ा से लगातार 8 बार विधायक रहे।तीन बार मुख्यमंत्री रहे।विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे।
9.भैरोंसिंह शेखावत(सीकर)22-06-1977 से 16-02-1980पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे।उपराष्ट्रपति रहे।मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे।3 बार मुख्यमंत्री रहने वाले एकमात्र गैर कांग्रेसी।2002 में उपराष्ट्रपति के चुनाव में सुशील कुमार शिंदे को हराया।2 बार विपक्ष के नेता रहे।
10.जगन्नाथ पहाड़िया(भरतपुर)06-06-1980 से 13-07-1981पहले अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री रहे।हरियाणा व बिहार के राज्यपाल रहे।राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री रहे।इंदिरा गाँधी सरकार में वित्त व संचार मंत्रालय में उपमंत्री रहे।
11.शिवचरण माथुर14-07-1981 से 23-02-1985शिवचरण माथुर का संबंध मध्य प्रदेश से था।2 बार मुख्यमंत्री रहे।असम के राज्यपाल रहे।लोकसभा सदस्य रहे।राजस्थान प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष रहे।
12.हीरालाल देवपुरा23-02-1985 से 10-03-1985सबसे कम अवधि (16 दिन) के मुख्यमंत्री।विधानसभा अध्यक्ष भी रहे।
13.हरिदेव जोशी10-03-1985 से 20-01-1988दूसरी बार मुख्यमंत्री
14.शिवचरण माथुर20-01-1988 से 04-12-1989दूसरी बार मुख्यमंत्री
15.हरिदेव जोशी04-12-1989 से 04-03-1990तीसरी बार मुख्यमंत्री
16.भैरोंसिंह शेखावत04-03-1990 से 15-12-1992दूसरी बार मुख्यमंत्री
17.भैरोंसिंह शेखावत04-12-1993 से 01-12-1998तीसरी बार मुख्यमंत्री
18.अशोक गहलोत(जोधपुर)01-12-1998 से 08-12-20033 बार मुख्यमंत्री।AICC के महासचिव रहे।5 बार लोकसभा सदस्य रहे।NSUI के अध्यक्ष रहे।  राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे।
19.वसुंधरा राजे सिंधिया(झालरापाटन)08-12-2003 से 13-12-2008पहली महिला मुख्यमंत्री रही।केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री रही।5 बार विधानसभा सदस्य और 5 बार लोकसभा सदस्य रही।राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता रही।वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है।
20.अशोक गहलोत(जोधपुर)13-12-2008 से 13-12-2013दूसरी बार मुख्यमंत्री
21.वसुंधरा राजे सिंधिया13-12-2013 से 17-12-2018दूसरी बार मुख्यमंत्री
22.अशोक गहलोत17-12-2018 से 15-12-2023तीसरी बार मुख्यमंत्री
23.भजनलाल शर्मा15-12-2023 से वर्तमानवर्तमान मुख्यमंत्री
Join Whatsapp GroupClick Here
Join TelegramClick Here

इस पोस्ट में उपलब्ध करवाए गए UPSC NOTES अगर आपको अच्छे लगे हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ एवं अन्य ग्रुप में जरूर शेयर करें ताकि जो विधार्थी घर पर रहकर बिना कोचिंग कर तैयारी कर रहा है उसको मदद मिल सके |  

Leave a Comment