राजस्थान के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान

आज की इस पोस्ट में हम राजस्थान के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान | National Park of Rajasthan in Hindi के बारे में पढ़ेंगे क्योंकि यहां से बहुत बार प्रश्न पूछा जा चुका है अगर आप इस टॉपिक को सरल एवं आसान भाषा में पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा उपलब्ध करवाई गई इन नोट्स को जरूर पढ़ें एवं याद कर ले ऐसे नोट्स आपको फ्री में कहीं भी नहीं देखने को मिलेंगे 

प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान जो की राजस्थान में स्थित है उन सभी के बारे में हमने नीचे जानकारी उपलब्ध करवा दी है आप इसे हिंदी भाषा में पढ़ सकते हैं

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National Park of Rajasthan

– वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, वर्ष 1972 के तहत किसी विशिष्ट प्रजाति के लिए अधिसूचित क्षेत्र जिसका संचालन केन्द्र सरकार करती है वह राष्ट्रीय उद्यान की श्रेणी में आता हैं।
– राजस्थान में राष्ट्रीय उद्यान तीन हैं।

1. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान- सवाई माधोपुर


– स्थापना वर्ष 1955 में वन्य जीव अभयारण्य के रूप में की गई थी।
– 1 नवम्बर, 1980 को रणथम्भौर को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
– यह राजस्थान का पहला राष्ट्रीय उद्यान है।
– क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
– वर्ष 1998 से 2004 के मध्य 6 वर्ष के लिए विश्व बैंक के सहयोग से इको इण्डिया डवलपमेंट प्रोजेक्ट चलाया गया।
– रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान बाघ के लिए प्रसिद्ध हैं।
– इस राष्ट्रीय उद्यान में धौंक एवं ढाक के वृक्ष पाए जाते हैं।
– रणथम्भौर दुर्ग, जोगी महल, त्रिनेत्र गणेश मंदिर, पदम तालाब, मलिक तालाब, गिलोई सागर, राज बाग तालाब, लाभपुर/लाहपुर झील ये सभी रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हैं।

2. केवलादेव घना पक्षी विहार राष्ट्रीय उद्यान– भरतपुर


– यह भरतपुर में स्थित है, इसकी स्थापना वर्ष 1956 में की गई थी।
– 27 अगस्त, 1981 को इसे ‘राष्ट्रीय उद्यान’ का दर्जा दिया गया।
– क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
– इस राष्ट्रीय उद्यान का नामकरण केवलादेव शिव मंदिर के नाम पर किया गया।
– इस राष्ट्रीय उद्यान को पक्षियों की आश्रय स्थली या पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है, यह साइबेरियन सारस के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
– यहाँ कदम्ब के वृक्ष पाए जाते हैं और यहाँ पाइथन (अजगर) प्वाइंट भी है।
– यह राष्ट्रीय उद्यान स्वर्णिम त्रिभुज का भाग है।
– स्वर्णिम त्रिभुज यह एक पर्यटन परिपथ है, जो दिल्ली-जयपुर-आगरा को जोड़ता है।
– केवलादेव घना पक्षी विहार को रामसर साइट का दर्जा वर्ष 1981 में दिया गया।
– केवलादेव घना पक्षी विहार को यूनेस्को की प्राकृतिक विश्व धरोहर में सूचीबद्ध वर्ष 1985 में किया गया।

3. मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान– कोटा-चित्तौड़गढ़


– यह राष्ट्रीय उद्यान कोटा-चित्तौड़गढ़ में फैला हुआ है।
– इसकी स्थापना वर्ष 1955 में की गई थी, और 9 जनवरी, 2012 को इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
– यह राजस्थान का तीसरा एवं नवीनतम राष्ट्रीय उद्यान है।
– यह राष्ट्रीय उद्यान गागरोनी तोते (हीरामन तोता) के लिए प्रसिद्ध हैं।
– इस राष्ट्रीय उद्यान में तीन प्रमुख पर्यटन स्थल अबली मीणी का महल, रावण महल, भीमचोरी मंदिर स्थित है।

राजस्थान में बाघ परियोजना


– राजस्थान में चार बाघ परियोजनाएँ हैं।
– पहली बाघ परियोजना जिम कार्बेट (उत्तराखण्ड) में बनाई गई।
– राजस्थान में बाघ परियोजना का प्रारम्भ वर्ष 1973-74 में किया गया।
– राजस्थान की पहली बाघ परियोजना रणथम्भौर टाइगर प्रोजेक्ट है जिसे देश में बाघों का घर कहते हैं जो सवाई माधोपुर में स्थित है।
– रणथम्भौर बाघ परियोजना को 1973-74 में दर्जा दिया गया है।
– यहाँ पर राजस्थान की पहली टाइगर ‘सफारी’ शुरू की गई।
– राज्य की दूसरी बाघ परियोजना सरिस्का (अलवर) में है जिसे वर्ष 1978-79 में ‘टाइगर प्रोजेक्ट’ का दर्जा दिया गया।
– राजस्थान की तीसरी बाघ परियोजना मुकुन्दरा हिल्स (कोटा-चित्तौड़गढ़) में है जिसे अप्रैल, 2013 को टाइगर प्रोजेक्ट का दर्जा दिया गया।
– राजस्थान की चौथी बाघ परियोजना रामगढ़ विषधारी अभयारण्य (बूँदी) में है, जिसे जून, 2021 को टाइगर प्रोजेक्ट का दर्जा दिया गया।

रामसर साइट


– आर्द्र भूमि क्षेत्र, नम भूमि क्षेत्र या वेटलैण्ड जॉन क्षेत्र को रामसर साइट के नाम से जाना जाता है।
– वर्ष 1971 में रामसर (ईरान) में आर्द्र भूमि क्षेत्र में संरक्षण हेतु प्रथम वैश्विक सम्मेलन हुआ। इस वैश्विक सम्मेलन में विश्व में जो भी आर्द्र भूमि है उसको संरक्षित करने या उनको बचाने के लिए रामसर समझौता किया गया।
– इस समझौते के तहत जिन स्थानों का चयन किया गया उन स्थानों को रामसर साइट की संज्ञा दी गई और यह समझौता वर्ष 1975 से लागू हुआ।
– भारत रामसर समझौते का सदस्य वर्ष 1982 में बना।
– वर्तमान में राजस्थान में दो रामसर साइट हैं-
1. केवलादेव घना पक्षी विहार (भरतपुर)
2. सांभर झील (जयपुर)

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उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने राजस्थान के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित नोट्स जो आपको उपलब्ध करवाये है वह आपको जरूर अच्छे लगे होंगे अगर आप इसी प्रकार टॉपिक के अनुसार सभी विषयों के नोट्स बिल्कुल फ्री में पढ़ना चाहते हैं तो हमारी इस वेबसाइट पर रोजाना विजिट करते रहे जिस पर हम आपको कुछ ना कुछ नया उपलब्ध करवाते हैं

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