विश्व का भूगोल : अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं क्लासरूम नोट्स

आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं से संबंधित क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं यह टॉपिक आपको विश्व का भूगोल विषय में पढ़ने के लिए मिलता है और यहां से आपको अनेक परीक्षाओं में प्रश्न भी देखने को मिले होंगे इसलिएहमारे द्वारा उपलब्ध करवाई गई इन नोट्स को अपनी आगामी तैयारी के लिए जरूर पढ़ें

विश्व का भूगोल विषय के अन्य नोट्स भी हम आपको इसी प्रकार टॉपिक अनुसार उपलब्ध करवाते हैं ताकि आप घर बैठे बिना किसी कोचिंग के शानदार तैयारी कर सके |

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अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं क्लासरूम नोट्स

अक्षांश [ latitude ]

  • विषुवत रेखा या भू-मध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में एक याम्योत्तर पर किसी भी बिन्दु को पृथ्वी के केन्द्र से मापी गई कोणीय दूरी, अक्षांश कहलाती है।
  • 0° अक्षांश रेखा को विषुवत रेखा या भू-मध्य रेखा कहते हैं। 
  • अक्षांशों की संख्या 181 है।
  • काल्पनिक रेखाओं का समूह पृथ्वी के चारों ओर पूर्व से पश्चिम दिशा में विषुवत रेखा के समानान्तर खींचा जाता है, तो उसे अक्षांश रेखा कहते है।
  • भू-मध्य रेखा के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिण भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहते हैं।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में 23 1/2° उत्तरी अक्षांश ‘कर्क रेखा’ और 662′ उत्तरी अक्षांश ‘आर्कटिक रेखा’ कहलाती हैं।
  • दक्षिणी गोलार्द्ध में 23 1/2° दक्षिण अक्षांश मकर रेखा और 66/2° दक्षिण अक्षांश अंटार्कटिका रेखा कहलाती हैं।
  • विषुवत रेखा से भूमध्य रेखा की ओर अक्षांशों के मध्य की दूरी बढ़ती है। विषुवत रेखा पर 110.6 किलोमीटर जबकि ध्रुव पर यह 111.7 किलोमीटर है।
  • दो अक्षांश रेखाओं के बीच भाग को ‘कटिबंध’ कहते हैं।

देशांतर [longitude ]

  • किसी स्थान की कोणीय दूरी जो प्रधान याम्योत्तर (0° देशान्तर) के पूर्व व पश्चिम में होती है, देशांतर कहलाती है अथवा उत्तरी तथा दक्षिण ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को देशान्तर रेखा कहते हैं। देशांतर रेखाओं की लम्बाई बराबर व इनकी संख्या 360 होती है।
  • प्रधान याम्योत्तर रेखा 0° देशांतर है जो लंदन (इंग्लैंड) के ग्रीनविच से होकर गुजरती है।
  • दो देशांतर रेखाओं के मध्य दूरी भू-मध्य रेखा पर 111.32 किमी. तथा ध्रुवों पर इनके मध्य की दूरी 0 किमी. होती है।
  • सभी देशांतर रेखाओं को महान् वृत्त कहा जाता है।
  • दो देशान्तर रेखाओं के बीच भाग को ‘गोर’ कहा जाता है।
  • ग्रीनविच रेखा के पूर्व में स्थित 180° तक सभी देशान्तर, पूर्वी देशान्तर एवं
  • पश्चिम की ओर स्थित 180° तक सभी देशान्तर, पश्चिमी देशान्तर कहलाते हैं।
  • पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी धुरी पर घूम रही है।
  • 1° देशांतर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट का समय लगता है।
  • पृथ्वी पर 180° देशान्तर के लगभग, साथ-साथ स्थल खण्डों को छोड़ते हुए निर्धारित की गई रेखा, “अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा” कहलाती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा आर्कटिक सागर, चुकी सागर, बैरिंग स्ट्रेट व प्रशांत महासागर से गुजरती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में एक दिन का अंतर पाया जाता है।
  • तिथि रेखा के पश्चिम दिशा में जाने पर एक दिन जोड़ दिया जाता है तथा पूर्व दिशा में जाने पर एक दिन घटा दिया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा (0° देशांतर रेखा)

  • पृथ्वी अपने काल्पनिक अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर घूमती है इसलिए ग्रीनविच से पूर्व के स्थानों का समय ग्रीनविच समय से और पश्चिम के स्थानों का समय पीछे होगा।
  • एक देशांतर रेखा पर स्थित सभी स्थानों का स्थानीय समय एक ही होता है।
  • संपूर्ण पृथ्वी को 24 कटिबंधों में बाँटा गया है।
  • किसी विशेष स्थान का समय सारे देश में माना जाए तब वह उस देश का मानक समय कहलाता है।
  • नोट:- कुछ देशों में अत्यधिक देशान्तरीय विस्तार के कारण एक से अधिक मानक समय है। संयुक्त राज्य अमेरिका में छः, रूस में ग्यारह मानक समय है।

भारत का मानक समय

  • मानक समय किसी देश के मध्य से गुजरने वाली याम्योत्तर का माध्य होता है।
  • उदाहरण- भारत का मानक समय 821/2° पूर्वी याम्योत्तर जो उत्तर
  • प्रदेश के इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरती है।
  • भारत का मानक समय ग्रीनविच समय से 5 घण्टा 30 मिनट आगे है,
  • जब ग्रीनविच में दोपहर के 12 बजे हो तो उस समय भारत में शाम के 5.30 बजेंगे।
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निरंतर विश्व का भूगोल : अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं क्लासरूम नोट्स ऐसे ही नोट्स के साथ अपनी तैयारी जारी रखने के लिए हमारी वेबसाइट UPSC NOTES पर विजिट करते रहे यहां आपको प्रत्येक विषय के नोट्स ऐसे ही टॉपिक अनुसार निशुल्क पढ़ने के लिए मिलेंगे जिसे आप घर बैठे बहुत अच्छे से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं

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