Chapter 2 : Class 6 NCERT Geography in Hindi – ग्लोब अक्षांश एवं देशांतर

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Chapter 2 : Class 6 NCERT Geography in Hindi

अक्षांश रेखाएँ

भूमध्य रेखा (Equator) के समानांतर से किसी भी स्थान की उत्तरी अथवा दक्षिणी ध्रुव की ओर की ओर खींची गई रेखाओं को अक्षांश (latitude) रेखा कहते है। भूमध्य रेखा (Equator) को (0°) की अक्षांश रेखा माना गया है। भूमध्य रेखा (Equator) से उत्तरी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ उत्तरी अक्षांश और दक्षिणी ध्रुव की ओर की सभी दूरियाँ दक्षिणी अक्षांश में मापी जाती है। ध्रुवों की ओर बढ़ने पर भूमध्य रेखा (Equator) से अक्षांश (latitude) की दूरी बढ़ने लगती है। इसके अतिरिक्त सभी अक्षांश रेखाएँ (Latitude lines) परस्पर समानांतर और पूर्ण वृत्त होती हैं। ध्रुवों की ओर जाने से वृत्त छोटे होने लगते हैं। 90° का अक्षांश ध्रुव पर एक बिंदु में परिवर्तित हो जाता है।

अक्षांश समानांतर रेखाएँ

– उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23”30 उ.)

– दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23”30 द.)

– विषुवत वृत्त के 66”30 उत्तर में उत्तर ध्रुव वृत्त

– विषुवत वृत्त के 66”30 दक्षिण में दक्षिण ध्रुव वृत्त,

पृथ्वी के ताप कटिबंध

1. उष्ण ताप कटिबंध :- कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है इसे उष्ण ताप कटिबंध कहते है।

2. शीतोष्ण कटिबंध :- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें ,शीतोष्ण कहा जाता है।

3. शीत कटिबंध :– उत्तरी गोलार्ध में उत्तरी धुव दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है। क्योंकि , यहाँ सूर्य क्षितिज से ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।

देशांतर

– पृथ्वी की सतह पर स्थित किसी स्थान की भौगोलिक स्थिति बताने के लिए उस स्थान के अक्षांश और देशांतर का मान बताया जाता है। किसी स्थान का देशांतर सतह पर उस स्थान की पूर्व-पश्चिम स्थिति को बताता है। परंपरागत रूप से, सभी स्थानों का देशांतर मुख्य मध्याह्न रेखा के सापेक्ष व्यक्त किया जाता है। देशांतर शब्द देशांतर से भिन्न है जिसका उपयोग खगोलीय देशांतर के लिए किया जाता है, जबकि देशांतर का उपयोग भूगोल के लिए किया जाता है।

– उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली कल्पनिक रेखाएँ देशांतर कहलाती है। देशांतर को अंशों में मापा जाता है। प्रत्येक अंश को मिनट को सेकेंड में विभाजित किया जाता है। (अक्षांश (समानांतर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है। देशांतर वृत्त 360 डिग्री का होता है।

– याम्योत्तर :- इग्लैंड के ग्रीनविच शहर से होकर गुजरने वाली रेखा को मध्याहृ रेखा कहते हैं। जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित से गुजरने वाली याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं।

– पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के बीच खींची गई और उत्तर-दक्षिण दिशा में खींची गई काल्पनिक रेखाओं को मेरिडियन, देशांतर, मेरिडियन कहा जाता है। ग्रीनविच से लंदन के पास स्थित यमोत्तरा को ‘प्रधान यमोत्तरा’ माना गया है। उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के पास से गुजरने वाले 82.5 डिग्री मेरिडियन के समय को भारतीय मानक समय माना गया है।

– पृथ्वी के 0° अक्षांश पर खींची गई याम्योत्तर को मुख्य मध्याह्न रेखा या ग्रीनविच रेखा कहते हैं। इस रेखा के संबंध में विश्व का मानक समय निर्धारित होता है। इस रेखा पर लंदन के निकट ग्रीनविच स्थित है, इसलिए इसे ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा के पूर्व में 180° तक याम्योत्तर को ‘पूर्वी मध्याह्न रेखा’ तथा पश्चिम की ओर स्थित दक्षिण-पूर्व को ‘पश्चिमी मध्याह्न रेखा’ कहते हैं।

– इसका मन 0 देशांतर है तथा यहाँ से हम पृथ्वी को दो समान भागों 180 पूर्वी गोलार्ध एवं 180 पश्चिम गोलार्ध में विभक्त करती है।

– मुख्य मध्याहृ रेखा विभिन्न देशों में समय निर्धारित करती है।180 अक्षांश पर स्थित अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं। यह एक ऐसी काल्पनिक रेखा है जहाँ एक दिन से तारीख बदल जाती हैऔर पूर्वी देश पश्चिम देश से एक दिन या कुछ घण्टे आगे चलते हैं।

मानक समय

– समय को मापने का सबसे अच्छा साधन पृथ्वी , चंद्रमा एवं ग्रहों की गति है।

– सूर्योदय एवं सूर्यास्त प्रतिदिन होता है। अत: स्वाभाविक ही है की यह पुरे विश्व में समय निर्धारण का सबसे अच्छा साधन है।

– पृथ्वी पश्चिम से पूर्व को ओर चक्कर लगाती है, अत: वे स्थान जो ग्रीनविच के पूर्व में हैं , उनका समय ग्रीनविच समय से आगे होगा तथा जो पश्चिम में हैं , उनका समय पीछे होगा।

– समय के अंतर की  गणना निम्नलिखित विधि से की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360 घूम जाती है , अर्थात वह 1 घंटे में 15 डिग्री एवं 4 मिनट में 4 डिग्री घूमती है।

– इस प्रकार समय जब ग्रीनविच में दोपहर के 12 बजते हैं , तब ग्रीनविच के समय से पूर्व में 1 बजा होगा (1 घंटे में 15 डिग्री ) आगे होगा और पश्चिम 11 बजे होंगे (1 घंटे में 15 डिग्री ) पीछे होगा

– भारत का मानक समय :- भारत में 82”30 पूर्व को मानक याम्योत्तर माना गया है। इस याम्योत्तर के स्थानीय समय को पुरे देश का मानक समय माना जाता है। इसे भरतीय मानक समय के नाम से जाना जाता है। किसी देश के मध्य भाग से होकर गुजरने वाली देशांतर रेखा के स्थानीय समय को ही, उस देश का मानक समय कहते हैं.

– अर्थात, यदि किसी देश के मध्य भाग में, गुजरने वाली देशांतर रेखा पर, दिन के 12 बज रहे हों, तो उस समय को ही उस देश का मानक समय मान लिया जाता है.

– भारत ग्रीनविच के 82”30 पूर्व में स्थित है तथा यहाँ का समय ग्रीनविच समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है। इसलिए जब लंदन में दोपहर के 2 बजे होंगे , तब भारत में शाम के 7:30 बजे होंगे।

– पृथ्वी को एक-एक घंटे वाले 24 समय क्षेत्रों में बाँटा गया है। इस प्रकार प्रत्येक समय-क्षेत्र 15 डिग्री देशांतर तक के क्षेत्र को घेरता है।पीछे – पश्चिम में 12 मानक समय (15 डिग्री X 12 मानक समय =180 ) आगे + पूर्व में 12 मानक समय (15 डिग्री X 12 मानक समय =180 ) पृथ्वी अपने 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360 घूम जाती है।

NCERT SOLUTIONS

प्रश्न 1    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए

1. पृथ्वी का सही आकार क्या है?

उत्तर –  पृथ्वी का आकार गोलाकार नहीं है। यह उत्तर एवं दक्षिण ध्रुव पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी हुई है।

2. ग्लोब क्या है?

उत्तर –   ग्लोब पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप है। ग्लोब आकार में छोटी या बड़ी हो सकती है।

3. कर्क रेखा का अक्षांशीय मान क्या है?

उत्तर –   कर्क रेखा का अक्षांशीय मान 23½° उ० है।

4. पृथ्वी के तीन ताप कटिबंध कौन-से हैं?

उत्तर –   पृथ्वी के तीन ताप कटिबंध हैं-उष्ण कटिबंध, शीतोष्ण कटिबंध तथा शीत कटिबंध।

5. अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं क्या हैं?

उत्तर –  

अक्षांश-देशांतर-
विषुवत वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश कहा जाता है।उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से जोड़ने वाली संदर्भ रेखा को देशांतर कहा जाता है।

6. ऊष्मा की सबसे अधिक मात्रा उष्ण कटिबंध क्यों प्राप्त करते है।

उत्तर –  इस कटिबंध में सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। जिसके कारण यह क्षेत्र सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त करता है।

7. जब भारत में शाम के 5:30 बजते हैं, तब लंदन में दोपहर के 12 क्यों बजते हैं?

उत्तर –  लंदन से प्रमुख याम्योत्तर होकर गुजरता है जहां से देशांतरों की गिनती शुरू की जाती है। भारत प्रमुख याम्योत्तर से 82°30′ पूर्व में स्थित है। 1° पूर्व में जाने पर समय 4 मिनट आगे चला जाता है। भारत की स्थिति पूर्व में होने के कारण वह समय आगे चल रहा होता है। भारत से गुजरने वाले याम्योत्तर के हिसाब से जब गणना की जाती है तो यह समय 5 घंटे 30 मिनट आगे चल रहा होता है। इसी कारण से जब लंदन में दोपहर के 12:00 बजते हैं तो भारत में शाम के 5:30 बजते हैं।

प्रश्न 2  सही उत्तर चिह्नित (✓ ) कीजिए-

1. प्रमुख याम्योत्तर का मान है-

            (क) 90°

            (ख) 0°

            (ग) 60°.

उत्तर –   (ख) 0°

2. शीत कटिबंध किसके नज़दीक पाया जाता है ?

            (क) ध्रुवों

            (ख) विषुवत् वृत्त

            (ग) कर्क रेखा।

उत्तर –   (क) ध्रुवों।

3. (iii) देशांतरों की कुल संख्या है

            (क) 360

            (ख) 180

            (ग) 90.

उत्तर –   (क) 360

4. उत्तरी ध्रुव वृत्त स्थित है-

            (क) उत्तरी गोलार्ध में

            (ख) दक्षिणी गोलार्ध में

            (ग) पूर्वी गोलाद्र्ध में।

उत्तर :- (क) उत्तरी गोलार्ध में ।

5. ग्रिड किसका जाल है ?

            (क) अक्षांशों (समानांतर रेखाओं) एवं देशांतरीय याम्योत्तरों का

            (ख) कर्क रेखा एवं मकर रेखा का

            (ग) उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव का।

उत्तर –  (क) अक्षांशों (समानांतर रेखाओं) एवं देशांतरीय याम्योत्तरों का।

प्रश्न 3 खाली स्थान भरें

1. मकर रेखा ……. पर स्थित है।

2. भारत का मानक याम्योत्तर ……….. है।

3. 0° याम्योत्तर को …….. के नाम से जाना जाता है।

4. देशांतरों के बीच की दूरी ……….की तरफ घटती जाती है।

5. दक्षिणी ध्रुव वृत्त ………. गोलार्ध में स्थित है।

उत्तर –

1. 23½° दक्षिणी अक्षांश

2. 82°30′ पूर्व

3. प्रमुख याम्योत्तर

4. ध्रुवों

5. दक्षिणी।

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