आज की इस पोस्ट में हम विश्व व्यापार संगठन ( WTO ) के कार्य एवं उद्देश्य के बारे में बात करने वाले हैं आपने Who से संबंधित प्रश्न तो बहुत बार परीक्षा में देखे होंगे जिसमें विश्व व्यापार संगठन का कार्यालय कहां स्थित है ? अध्यक्ष कौन है ऐसे सामान्य ज्ञान के प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं इसलिए इस टॉपिक से संबंधित संपूर्ण नोट्स आज हम आपको उपलब्ध करवा रहे हैं

इन्हें नोट्स को पढ़ने के बाद आपको यह टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा इसलिए आपको अन्य कहीं से पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी आप इसे पढ़ने के साथ-साथ एक बार अच्छे से जरूर याद कर ले

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WHO : विश्व व्यापार संगठन

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) एकमात्र वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो राष्ट्रों के बीच व्यापार के नियमों से निपटता है। इसका मुख्य कार्य विश्व स्तर पर सुचारु व्यापार को बनाए रखना और उन मुद्दों या विवादों को हल करना है जो विश्व व्यापार को प्रभावित कर सकते हैं।

1. WTO को वर्ष 1947 में संपन्न हुए प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौते (General Agreement in Tariffs and Trade- GATT) के स्थान पर अपनाया गया।

2. WTO के निर्माण की पृष्ठभूमि गैट के उरुग्वे दौर (वर्ष 1986-94) की वार्ता में तैयार हुई तथा 1 जनवरी, 1995 को WTO द्वारा कार्य शुरू किया गया।

·जिस समझौते के तहत WTO की स्थापना की गई उसे ‘मारकेश समझौते’  के रूप में जाना जाता है। इसके लिए वर्ष 1994 में मोरक्को के मारकेश में हस्ताक्षर किए गए।

WTO के बारे में

1. WTO एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो देशों के मध्य व्यापार के नियमों को विनियमित करता है।

2. GATT और WTO में मुख्य अंतर यह है कि GATT जहाँ ज्यादातर वस्तुओं के व्यापार को विनियमित करता था, वहीं WTO और इसके समझौतों में न केवल वस्तुओं को बल्कि सेवाओं और अन्य बौद्धिक संपदाओं, जैसे- व्यापार चिह्यें, डिज़ाइनों और आविष्कारों से संबंधित व्यापार को भी शामिल किया जाता है।

3. WTO का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है।

1. WTO में यूरोपीय संघ सहित 164 सदस्य देश शामिल हैं तथा ईरान, इराक, भूटान, लीबिया आदि 23 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।

2. भारत वर्ष 1947 में GATT तथा WTO का संस्थापक सदस्य देश बना।

WTO की संरचना

1. मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 

·WTO की संरचना में मंत्री सम्मेलन सर्वोच्च प्राधिकरण है जिसका गठन WTO के सभी सदस्यों देशों से मिलकर होता है, इसके सभी सदस्यों को कम-से-कम हर दो वर्ष में मिलना आवश्यक है। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के सदस्य बहुपक्षीय व्यापार समझौतों के तहत सभी मामलों पर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

2. सामान्य परिषद् 

इसका गठन WTO के सभी सदस्य देशों से मिलकर होता है जो मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रति उत्तरदायी है। वस्तु परिषद्, सेवा परिषद् और बौद्धिक संपदा परिषद् इसी के भाग हैं।

3. विवाद समाधान निकाय और व्यापार नीति समीक्षा निकाय —

सामान्य परिषद् का आयोजन मुख्यत: दो विषयों को ध्यान में रखकर किया गया है—

A. विवाद समाधान निकाय :- इसके माध्यम से विवादों के समाधान हेतु अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं का संचालन किया जाता है।

B. व्यापार नीति समीक्षा निकाय :- इसके द्वारा WTO के प्रत्येक सदस्य की व्यापार नीतियों की नियमित समीक्षा की जाती है।

WTO के उद्देश्य

1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हेतु नियमों को निर्धारित करना और लागू करना।

2.व्यापार उदारीकरण के विस्तार के लिए बातचीत और निगरानी हेतु एक मंच प्रदान करना।

3. व्यापार विवादों का समाधान करना।

4. निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को बढ़ाना।

5. वैश्विक आर्थिक प्रबंधन में शामिल अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित करना।

6. विकासशील देशों को वैश्विक व्यापार प्रणाली से पूरी तरह से लाभान्वित होने में सहयोग करना।

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उम्मीद करते हैं आज की इस विश्व व्यापार संगठन ( WTO ) के कार्य एवं उद्देश्य पोस्ट में उपलब्ध करवाए गए नोट्स आपके आगामी परीक्षा के लिए जरूर काम आएंगे अगर आप ऐसे ही नोट्स के साथ घर बैठे शानदार तैयारी करना चाहते हैं तो हमारी इस वेबसाइट पर रोजाना विजिट करते रहे